NYOOOZ सिटी स्टार - गाजियाबाद की क्लासिकल सिंगर डॉ आम्रपाली

  • Pinki
  • Saturday | 22nd July, 2017
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संक्षेप:

  • वोकल आर्टिस्ट आम्रपाली ने NYOOOZ से की बातचीत
  • जिंदगी से जुड़े पहलुओं को भी NYOOOZ के साथ किया साझा
  • अपने पिता पंडित इंदु प्रकाश त्रिवेदी के गाइडेंस में सीखा म्यूजिक

वोकल आर्टिस्ट डॉ आम्रपाली ने NYOOOZ से खास बातचीत की। इस दौरान उन्होंने पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए अपनी जिंदगी से जुड़े पहलुओं को भी साझा किया। वोकल आर्टिस्ट आम्रपाली जी से पूछे गए कुछ प्रश्न-

सवाल- आम्रपाली जी आप अपने बारे में बताईये ?

जवाब- मेरा नाम आम्रपाली है। मैं एक क्लासिकल सिंगर हूं। मैं एक ऐसी फैमिली से बिलॉंग करती हूँ जहां संगीत बस्ता है। मेरे पिताजी पंडित इंदु प्रकाश त्रिवेदी भी एक शास्त्रीय संगीतकार हैं। उन्होंने मेरी वोकल ट्रेनिंग बहुत ही कम उम्र से शुरू करवा दी थी। जिनकी छत्रछाया और गाइडेंस में मैंने सब कुछ सीखा है और पिताजी के साथ ही स्टेज शोज भी किया करती थी। साथ ही मेरी गुरु स्वर्गीय शांति शर्मा जी ने भी मझे बहुत गाइड किया है। शास्त्रीय संगीत के बारे में पढ़ते वक्त और समझते वक़्त मैंने यह जाना की ठुमरी, दादरा, भजन मेरे पर्सनल फेवरेट हैं। जिनमें मुझे ज़्यादा रुचि आती थी। मै बहुत खुशनसीब हूँ जो मेरी संगीत की यात्रा के दौरान इतने महान और एक्सपीरिंयस गुरुओं की गाइडेंस मझे मिली जिनकी वजह से मैं संगीत के क्षेत्र में अच्छा कर पाई।

सवाल- वोकल आर्टिस्ट बनने की प्रेरणा आपको कहां से मिली?

जवाब- जैसे कि मैंने कहा की मेरी उम्र बहुत छोटी थी उस वक़्त से मेरे पिताजी ने मुझे वोकल ट्रेनिंग देनी शुरू की थी। ट्रेनिंग के दौरान मैं भी पिताजी के साथ स्टेज शो किया करती थी। जिसके साथ मेरा इंट्रेस्ट संगीत में बढ़ता गया और यह सिलसिला चलता गया। जिसके बाद से मेरा संगीत की दुनिया में आगाज़ हुआ था। लेकिन फिर संगीत के लिए मेरी चाह और बढ़ने लगी और मैं कुछ अच्छा और बेहतर करना चाहती थी और मेरी यही चाह मुझे इतनी आगे तक ले आयी है।

स्कूलिंग के बाद मैंने अपनी बी.ए(हॉनर्स), एम.ए, एम.फिल, पीएचडी हिंदुस्तानी म्यूजिक में दिल्ली यूनिवर्सिटी से कम्पलीट किया। जिसके बाद मैंने झंकार उत्सव से एसोसिएट हुई जो साहित्य कला परिषद द्वारा ऑरगनाइज किया गया। सोलो रिकॉर्डिंग और पर्फोर्मेंसस किये अलग-अलग बैलेट के लिए और साथ ही बड़े-बड़े महान कंपोसिशन्स जैसे कि पंडित बिरजू महाराज आदि के साथ गाने का मौका मिला। इतना ही नही हिंदुस्तानी क्लासिकल एंड भजन स्टेज शो में पार्टिसिपेट करने के साथ-साथ परफॉर्म भी किया। जैसे कि काकासाहिब गड़गिल मेमोरियल सोसाइटी, आनंद सिंह स्मारक सांस्कृतिक परिषद , संगम कला ग्रुप आदि।

 

 

सवाल- इस मुकाम को हासिल करने के लिए आपको कितना संघर्ष करना पड़ा ?

जवाब- संघर्ष तो हर एक के जीवन में होता है, और मेरा तो यह मानना है कि जितना ज्यादा संगर्ष होगा कामयाबी भी उतनी ही बड़ी होगी। हमे संघर्ष करने से खभी पीछे नही हटना चाहिए बल्कि अपनी मंज़िल को पाने के लिए मैं तो संघर्ष को अपना साथी मानती हूं। किसी भी इंसान को जीवन में संघर्ष करने से घबराना नहीं चाहिए।

सवाल- इस फील्ड में आने वाले यंग टैलेंट को NYOOOZ के माध्यम से आप क्या कहना चाहेंगे?

जवाब- म्यूजिक की दुनिया में आने वाले यंग टैलेंट को मैं तो यही कहूँगी कि अगर आपको म्यूजिक की दुनिया में काम करना है तो म्यूजिक सीखना पड़ेगा, तो ही आपकी स्टेबिलिटी रहेगी नही बड़ी जल्दी रिप्लेस कर दिये जाओगे। सिर्फ सुनकर आप संगीत नही सीख सकते बल्कि आपको उसका रियाज भी करना होगा।

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