गोरखपुर के स्टार है अनुराग सुमन, संगीत के जरिए कमाया देशभर में नाम

  • Pinki
  • Saturday | 7th October, 2017
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संक्षेप:

  • अनुराग सुमन की संगीत में रूचि
  • 4 साल की उम्र में स्टेज पर गाया गाना
  • संगीत के साथ अनुराग को चित्रकारी का भी शौक

गोरखपुरः कहते है कि कला किसी की जागीर नहीं होती, दिल में जज्बा है और चाहत है तो कोई भी व्यक्ति कला का हुनर सिख सकता है। ऐसा ही कुछ जज्बा और हिम्मत ने अनुराग सुमन को शहर का स्टार कलाकार बना दिया। ग्रेजुयेट तक शिक्षा हासिल करने वाले अनुराग का बचपन से ही संगीत में रुचि रही। 4 साल की उम्र में पहली बार स्टेज पर गीत गया और काफी वाहवाही मिली फिर तो करवा बनता गया और एक के बाद बुलंदियो को छूते हुए आज अनुराग गोरखपुर के सिटी स्टार बन गए।

अनुराग कहते है कि संगीत की तालीम उन्होंने अपने नाना पारस नाथ से सीखी थी और उन्ही के हौंसले ने हमें यहाँ तक पहुचाया है। उन्होंने गोरखपुर दूरदर्शन द्वारा आयोजित "स्वराँगन" में उप विजेता, दूरदर्शन के राष्ट्रीय चैनल पर" किशोर कुमार जी के गीतों पर आधारित कार्यक्रम में "गाता रहे मेरा दिल" में चयनित हो कर बेस्ट सिंगर का पुरस्कार, महुआ टीवी के महुआ अँत्याकछरी में विजेता, ई टीवी के फोक जलवा में उप विजेता ईटीवी के "गीत गाता चल" नामक संगीतमय कार्यक्रम में विजेता कई स्वय सेवी संस्थानों द्वारा सम्मान और पुरस्कार हासिल किया है।

उन्होंने 1997 से मुम्बई में फिल्मी सफर की शुरुआत हुईं, कई फिल्मों में कोरस गाया। उसके बाद रिकॉर्डिंग सीखी, अनुराग के पास आज अपना स्टूडियो भी है। गोरखपुर में "माता मेरी माता", "मैया मेरी आना अगले साल भी मैया आना", होली आयीं रे जैसे एलबम में स्वर दिया। अनुराग सुमन ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पर आधारित गीत "इस कलयुग में योगी जी" को लिखा और संगीत दिया, जो काफ़ी लोकप्रिय रहा। साथ ही "विश्व पर्यावरण दिवस " पर आओ मिलके करें हम सफाई सफाई" गीत बनाया, जोकि इनके दोनो बच्चो आभास और आर्नव ने गाया। जिसे काफ़ी सराहा गया। साथ ही Say No To Polythin गीत जो पर्यावरण को समर्पित गीत था। उसे काफ़ी प्रशंसा मिली।

उन्होंने "उम्मीदें" नामक फिल्म में भी अभिनय किया। इस समय अनुराग अपनी धर्म पत्नी दीप्ति अनुराग के सहयोग से कई समाजिक गीत बना रहे है। सदाबहार गायक और अभिनेता किशोर कुमार को आदर्श मानने वाले अनुराग आजकल गोरखपुर के लगभग बड़े कार्यक्रम में सफ़ल संचालक के रूप में लोकप्रिय भी है। संगीत के साथ अनुराग को चित्रकारी का भी शौक था। उन्होंने बताया कि स्कूल के ज़माने में चित्रकला में कई पुरस्कार जीते अनुराग भविष्य में एक संगीत विद्यालय खोलना चाहते है। जहां आज की नयी पीढी के बच्चों को निःशुल्क संगीत और अभिनय सिखाया जा सके इसके साथ सुमन पीआनो और गिटार बजाने में भी माहिर है।

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