ठंड से कांपती महिला को देखकर ली गरीबों की मदद करने की शपथ        

  • Sonu
  • Sunday | 3rd December, 2017
  • local
संक्षेप:

  • ठंड से कांपती महिला को देखकर मिली प्रेरणा
  • ली गरीबों की मदद करने की सपथ
  • समीर शुक्ला से NYOOOZ की खास बातचीत

कानपुरः कहते है समाज में आज भी कुछ अच्छे लोग है जिनकी वजह से इंसानियत जिन्दा है। 27 साल का समीर शुक्ला जब 11 वी क्लास में पढता था तो उसने स्कूल जाते वक्त रेलवे लाइन पर एक बुजुर्ग महिला को ठंड से ठिठुरते हुए देखा। यह देख मन भावुक हो गया और स्कूल से लौटने के बाद घर से मां का साल चोरी कर उस महिला को दे दिया था। इसके बाद से मन में ख्याल आया कि अब मैं हमेशा जरूरत मंदों की मदद करूंगा। अधिवक्ता बनने के बाद वह सामाजिक संस्था पनाह के अध्यक्ष भी है।

किदवई नगर थाना क्षेत्र के रहने वाले समीर शुक्ला पेशे से अधिवक्ता है। परिवार में पिता अनिल कुमार मां इंद्रा शुक्ला बड़े भाई और भाभी के साथ रहते हैं। समीर बहुत ही सरल स्वाभाव का व्यक्तित्व है जिसकी वजह से सभी उसके मुरीद  है। समीर ने सैकड़ों परिवारों के बच्चों तक मदद पहुंचाई है और गरीब महिलाओं और बुजुर्गों की मदद करते हैं।

NYOOOZ: सामाजिक कार्य करने का ख्याल मन में कैसे आया?

समीर: मैं 11वीं क्लास में पढता था मैंने देखा कि एक बहुत बूढ़ी महिला रेलवे लाइन के पास बिना गर्म कपड़ों के खुले आसमान के नीचे लेटी कांप रही थी। मैंने स्कूल से लौटने के बाद उसकी मदद की और उस वक़्त मन में यही ख़याल आया कि इन गरीब और जरूरतमंद लोगों की मदद कौन करता होगा। बस उसी दिन के बाद से समाज सेवा करने का निर्णय ले लिया और गरीब एवं जरूरतमंद लोगों की सहायता करने का कार्य प्रारंभ कर दिया।

NYOOOZ: समाज से कुरीतिया कैसे दूर हो सकती है इसके लिए क्या संघर्ष करने की जरूरत है?

समीर: किसी भी कार्य को करने के लिए किसी अन्य व्यक्ति पर निर्भर न रहे। किसी भी कार्य को करने का बीड़ा स्वयं उठाएं क्योंकि यदि हर व्यक्ति अपनी जिम्मेदारी समझेगा और हर कार्य को स्वयं करना प्रारम्भ करेगा तो वो आत्म निर्भर बनेगा। दूसरों पर आश्रित वो लोग रहते हैं जिनमें खुद कुछ करने का साहस नहीं होता है।

NYOOOZ: किस तरह से लोगों की मदद करते है?

समीर: पनाह NGO जो पिछले 14 सालों से निरंतर समाज हित के लिए कार्य करती चली आ रही है उस पनाह संस्था का पिछले 4 साल से संस्था अध्यक्ष हूं। पेशे से अधिवक्ता हूं और समाज सेवी होने के कारण महिलाओं एवं गरीब लोगों को निःशुल्क विधिक परामर्श देता हूं।

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