सिटी स्टारः ये महिला अधिवक्ता रंगमंच के जरिये लोगों को करती हैं जागरूक

  • Sonu
  • Saturday | 26th August, 2017
  • local
संक्षेप:

  • महिला अधिवक्ता लोगों को करती हैं जागरूक
  • ज्वलनशील मुद्दों पर रंगमंच के जरिये करती है जागरूक
  • NYOOOZ ने की सीमा खान से बतचीत

कानपुरः महिला अधिवक्ता सीमा खान वो नाम जिसने कभी हार नहीं मानी। ये महिला अपने लिए रौशनी की एक किरण से अपने लिए रास्ता खोज निकाली। सीमा खान ने अपने स्ट्रगल के दिनों में 2007 में एक सीरियल के लिए ऑर्डीशन दिया था और वह सिलेक्ट भी हो गई। लेकिन जिस दिन उन्हें जाना था उसी दिन उनके पिता का देहांत हो गया था और नहीं जा पाई थी। इसके बाद उन पर परिवार की जिम्मेदारी पड़ गई मां की देख भाल करने की वजह से उन्होंने अपना रास्ता बदल लिया। उन्होंने एलएलबी और वकालत करने लगी। लेकिन उनके अन्दर नाटक मंच का एक कलाकार छिपा था और उन्होंने कई बड़े स्टारों के साथ स्टेज शेयर करके लोगों में सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ आवाज उठाई।

बॉस मंडी की रहने वाली सीमा खान के पिता सफिक अहमद का ट्रांसपोर्ट था मां उमा मिश्रा पेशे से वकील थी। लेकिन पिता की मौत के बाद उनका ट्रांसपोर्ट बंद हो गया। सीमा का बचपन से ही संस्कृतिक कार्यक्रमों पर विशेष रुझान था उनकी यह प्रतिभा उनके अन्दर छिपे कलाकर कचोट रही थी। सीमा खान किशोर न्याय बोर्ड की लायर भी रही है और जेल विजिट की सदस्य भी रह चुकी है। उन्होंने जेल में बंद बंदियों की समस्यायों को सुना भी है और उसका निवारण भी किया है। NYOOOZ ने सीमा खान से बतचीत की।

NYOOOZ ने जब पूछा आपके स्ट्रगल भरे दिन कैसे रहे और कैसे उनसे बाहर निकली?

उन्होंने बताया कि सन 2007 में मैंने एक सीरियल के लिए ओर्डीशन दिया था जिसमे मेरा सिलेक्शन भी हो गया था। लेकिन मेरे पिता जी निधन हो गया था जिसकी वजह से मै नहीं जा पाई थी। मेरा परिवार और बिजनेस टूट गया था पापा का ट्रांसपोर्ट बंद हो गया था। फिर मां की भी तबियत बिगड़ गई थी इसके बाद मैंने वकालत की पढाई की और उसी में अपना भविष्य सवारने में जुट गई। मेरी मां भी एक अच्छी वकील थी उनसे मुझे बहुत प्रेरणा मिली।

वकील बनने के बाद भी आप ने रंगमंच के कार्यक्रम कैसे आयोजित किये ?

मैंने एक एनजीओ बनाई जिसका नाम है आर्ट लवर्स सोशल एंड कल्चरल सोसायटी है। यह नाटक कम्पनी सामाजिक मुद्दों को लेकर रंगमंच करती है। मेरा बचपन बचपन से ही संस्कृतिक कार्यक्रमों के प्रति खासा रुझान था। मैंने रंगमंच के कार्यक्रम बनारस, दिल्ली, कोलकत्ता, जयपुर समेत कई राज्यों में किये है। जहां मुझे लोगों की भरपूर प्रसंसा भी मिली है और सभी ने मेरा साथ भी दिया है।

आप ने कौन-कौन से एक्टर के साथ काम किया है ?

मैंने भोजपुरी एक्टर मनोज तिवारी, मालिनी अवस्थी, अंजन श्रीवास्तव सावधान इंडिया और राकेश बाबी समेत कई टीवी कलाकारों के साथ काम किया है। उन्होंने बताया कि बीते लोकसभा चुनाव में मैंने रंगमंच के माध्यम से लोगों को जागरूक किया था।

तीन तलाक पर आप की क्या सोच है?

उन्होंने कहा तीन तलाक पर कोर्ट का फैलसे का मै स्वागत करती हूँ और इसके लिए केंद्र सरकार ने भी सहशिक कदम उठाया है। तीन तलाक ने बहुत महिलाओं की जिन्दगी बर्बाद कर दी है पुरुष समाज में महिलाओं की कोई इज्जत नहीं थी। लेकिन अब उन्हें सिर उठाकर जीने का मौका मिलागा उन्हें तलाक का डर सताता रहता था। लोगों को समझना चाहिए की जैसे हमारी बेटी है वैसे बहु भी किसी की बेटी  होगी।

सोशल मीडिया पर चलने वाले अश्लील वीडिओ पर बोलते हुए कहा कि इस पर प्रतिबन्ध लगना चाहिए। यह वीडिओ बच्चों के दिमाग विपरीत असर छोड़ते है। जिसकी वजह से उनके व्यव्हार में विसंताये आ जाती है। वह अपने मार्ग से भटक जाते है इस तरह की सामग्री समाज के लिए घटक साबित हो रही है।

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