सिटी स्टारः मिलिए मॉडर्न जमाने के मल्ल युद्ध के योद्धा आरिज़ से

  • Sonu
  • Saturday | 26th August, 2017
  • local
संक्षेप:

  • रोज करता हूं 6 घंटे प्रक्टिस
  • समाज के लोगों का मिला पूरा साथ
  • सामने वाले को न समझे कमजोर

लखनऊ: कभी-कभी कुछ लोग अपने भविष्य को लेकर ज्यादा सचेत होते हैं और कभी कभी माता-पिता बच्चों को अच्छी परवरिश देकर सचेत बनाते हैं. लेकिन अगर देखा जाए तो उन बच्चों को सलाम करने का दिल होता है जो कि माता पिता से हमेशा के लिए दूर हो जाते हैं और समाज के अच्छे लोगों के सहारे कुछ अच्छा करने में विश्वास रखते हैं.

आपको बतादें कि राजधानी लखनऊ के एक जांबाज हैं आरिज़ हुसैन जो कि मल्ल युद्द यानी Grappling की कला के मोर्डेन युग के योद्धा हैं. यह योद्धा देश का झंडा लेकर कुछ समय बाद बाकू शहर के अज़र भाईजान में आयोजित हिने वाली विश्व ग्राप्प्लिंग चैंपियनशिप में हिस्सा लेने जारहा है. NYOOOZ ने इस मल्ल युद्ध के योद्धा से ख़ास बातचीत में बहुत सी महवपूर्ण बातों को जाना।

NYOOOZ: आपको क्या इस खेल में भविष्य बनाना है या फिर आप केवल शौक के लिए खेलते हैं?

खिलाड़ी: शौक के लिए खेलता तो शायद इतनी मेहनत नहीं करता जितनी की कर रहा हूं. मुझे इस खेल में अच्छा भविष्य दिखाई दे रहा है इस लिए मैं यह खेल खेल रहा हूं और पूरी महनत के साथ खेल रहा हूं. जब मैं 14 साल का था तब से यह खेल खेल रहा हूं और अब 20 साल का हूं.

NYOOOZ: किस ने आपका साथ दिया आपको इस खेल में निपुड बनाने में जरा बताइए?

खिलाड़ी: मैं स्पोर्ट अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया क्लब में सीखता हूं मुझे सिखाने वाली एक मैडम हैं शिखा मैडम जिन्होंने मेरा हर मौके पर खेल के दौरान साथ दिया है. अभी मुझे लगता है कि मैं पूरा नहीं हुआ हूं अभी भी मेरा सीखना जारी है. 

NYOOOZ: आपकी दिनचर्या क्या रहती है खेल को लेकर?

खिलाड़ी: मैं सुबह 4 बजे उठकर जहां सीखता हूं राइजिंग स्पोर्ट अकादमी वहां जाता हूं जो कि मेरे घर से लगभग 12 किलोमीटर दूर है देखा जाते तो मैं पूरे दिन में 25 किलोमीटर साइकिल चलाता हूं इसको भी मैं अपनी कसरत का ही हिस्सा मानता हूं. इसके अलावा 3 घंटे सुबह और तीन घंटे शाम को Grappling की प्रकटिस करता हूं.

NYOOOZ: क्या आपके साथ कोई ऐसी बात जो आपको दूसरों से अलग करती हो?

खिलाड़ी: सबसे बड़ी बात कि मेरे साथ मेरे माता पिता नहीं हैं मुझे समाज के अच्छे लोगों का सहारा मिला है. अक्सर आगे बढ़ने वालों के साथ पिता और माँ का साया रहता है लेकिन मेरे साथ अच्छे लोगों का साया है जो इस समाज में हैं. मेरे साथ नेहाल और सैयाद रजा हैं जो कि मेरे कोई भी नहीं लगते लेकिन मेरे लिए बहुत कुछ करते हैं.

NYOOOZ: आपका सिलेक्शन कहां और किस में हुआ है World Grappling चैंपियनशिप में?

खिलाड़ी: अक्टूबर के महीने में अजर भाईजान के बाकू शहर में होने वाली वर्ल्ड ग्राप्प्लिंग चैंपियनशिप में मेरा सिलेक्शन हुआ है सीनियर ग्रुप में और अगर खेल की भाषा में कहें तो माइनस 62 किलो ग्राम भारगर्व में सिलेक्शन हुआ है.

NYOOOZ: आप NYOOOZ के माध्यम से Grappling के अन्य खिलाड़ियों को क्या सन्देश देना चाहते हैं?

खिलाड़ी: मेरा सभी से यही कहना है कि इस खेल में अपनी शरीर पर पूरा ध्यान दें क्योंकि अगर आप दुरुस्त नहीं हैं तो आपका जीत हासिल करना मुश्किल है और सामने वाले को कभी कम्जूर न समझें हमेशा पूरी तैयारी के साथ ही मैदान में उतारें.

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