सिटी स्टारः लखनऊ के दिलप्रीत ने डाली शिक्षा में नयी जान
- Sonu
- Sunday | 10th September, 2017
- local
- घर से मिला काफी सपोर्ट
- समाज के लोगों ने दिया बच्चों को भोजन
- 30 बच्चों को पढ़ा रहा हूं
लखनऊः नेता और अधिकारी बच्चों की शिक्षा को लेकर बड़े बड़े दावे हमेशा से करते आरहे हैं. लेकिन कुछ लोग दुनिया में ऐसे भी है जो कि बिना किसी लालच के समाज को कुछ देना चाहते हैं और उसके लिए जरूरी है उनका आत्मविश्वास और अटूट प्रयास.
राजधानी लखनऊ के रहने वाले दिलप्रीत सिंह भी शिक्षा के क्षेत्र में कुछ अलग ही समाज के लिए कर रहे हैं. इस समय दिलप्रीत सिंह मलिन बस्ती के बच्चों को पढ़ा रहे हैं शायद जिन पर किसी भी सरकार की योजना काम नहीं करी. सबसे बड़ी सोचने वाली बात तो ये है कि दिलप्रीत जी राजधानी के रामस्वरूप मेमोरियल से बी.टेक कर रहे हैं. खुद के पढ़ाई के बाद जो समय निकालता है उसमें पूरे देश को शिक्षित करने की अपने मज़बूत इरादे को पूरा करने की सोचते हैं और बच्चों को पढ़ते हैं. इसी मुद्दे पर NYOOOZ ने दिलप्रीत से बातचीत की.
NYOOOZ: आप यह काम कब से कर रहे हैं और कैसे आपके अन्दर यह करने की लालसा जागी?
दिलप्रीत: हमारी एक आशियाना और एक शहर सिटी में क्लास चलती है मैं रोबिन हुड आर्मी नाम की एक संस्था से एक साल पहले जुड़ा था. आशियाना में एक एक दूसरी वालंटियर थी जो हमारी उस यूनिट को चला रही थी लेकिन सहारा सिटी में मैंने हेड किया यह सोच कर कि यहां के बच्चों का भी भविष्य उज्जवल होना जरूरी है. सहारा सिटी में मैंने अगस्त 2017 में शुरू किया है और अभी तक सब अच्छा चल रहा है.
NYOOOZ: आप अपने इस छोटे से शिक्षा कोने में सभी बच्चों को लेते हैं या कोई अलग प्रणाली है?
दिलप्रीत: आधार कार्ड वगरह सब जानकारी बच्चों की लेते हैं अगर कभी कुछ हुआ तो बच्चों की जानकारी जरूरी है. हमारा यहां बच्चों को पढ़ाने का मकसद है कि बच्चे अपनी बेसिक तैयारी करके अच्छे स्कूलों में एडमिशन लें. इसके लिए कई अच्छे स्कूल भी हमसे जुड़े हैं जिनका यह कहना है कि आप बच्चों की तैयारी अच्छी करवाएं और हमारे यहां पेपर क्वालीफाई करने के बाद उनको एडमिशन दिया जायेगा.
NYOOOZ: क्या घर वालों ने आपके इस प्रयास के लिए ममद की या फिर रोका?
दिलप्रीत: घर वालों ने अच्छे काम के लिए मुझे कभी भी नहीं रोका और जब मैंने रोबिन हुड आर्मी को ज्वाइन किया तो उनको बहुत ख़ुशी भी कि अपनी शिक्षा के साथ दूसरों को भी शिक्षित करने का अवसर प्राप्त हुआ है.
NYOOOZ: क्या आप बच्चों को शिक्षा करने के साथ साथ खाद्य सामग्री भी देते हैं या सिर्फ शिक्षा?
दिलप्रीत: हम लोगों ने शहर के अलग-अलग रेस्तरों और होटल्स से बात की और उन्होंने बच्चों को खाना देने का वादा भी किया है वो लोग अपना वादा पूरा कर रहे हैं. इस काम के लिए मैंने काफी मेहनत की कि बच्चों को समाज की तरफ से भी कुछ मदद मिल सके. इस समय हमे शहर के होटल इंडिया अवध से 100 बच्चों का खाना मिल रहा है और भी कुछ रेस्तरों हैं जो कि बच्चों के लिए खाना प्रदान कर रहे हैं.
NYOOOZ: इस समय आपके पास कितने बच्चे हैं जिनको आप पढ़ा रहे हैं?
दिलप्रीत: मैं इस समय 30 बच्चों को पढ़ा रहा हूं लेकिन उसमें से कुछ ऐसे बच्चे हैं जिनको एक्स्ट्रा तैयारी भी करवाता हूं जो कि पढ़ने की ज्यादा चाहत रखते हैं. उन सभी के घर से भी काफी सपोर्ट मिलता है.