मेरठः ‘अमेरिकन किड्ज‘ शुरू कर मोहिनी लांबा ने शिक्षा जगत में की नई मिसाल पेश

  • Pinki
  • Saturday | 15th July, 2017
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संक्षेप:

  • 2010 में शुरू किया ‘अमेरिकन किड्ज‘
  • मेरठ कॉलेज में एचओडी रह चुकी है मोहिनी लांबा
  • शिक्षा जगत को बढ़ावा देने के लिए हमेशा प्रयासरत  

मेरठ: शिक्षा एक ऐसा शब्द है जिससे जीवन का अंधकार घट जाता है... और दुनिया में कई ऐसे लोग हैं जो शिक्षा का दीपक लिए दूसरों की जिंदगी से अशिक्षा का अंधकार दूर करने में जुटे हुये हैं तो आज हम आपका परिचय कराएंगे एक ऐसी शख्सियत से जिसने जिंदगी में शिक्षा के महत्व को सबसे आगे रखा और दूसरों की जिंदगी से अशिक्षा का अंधकार दूर करने में जुट गईं।

जब उन्होंने अपने बच्चों के लिए छोटी उम्र में दी जाने वाली जरूरी शिक्षा का अभाव पाया तो वो खुद ही निकल पड़ीं प्री-नर्सरी लेवल के बच्चों के लिए जरूरी शिक्षा की राह को तैयार करने। ‘अमेरिकन किड्ज़‘ नाम से तो आप वाकिफ ही होंगे, नई शिक्षा पद्धति पर आधारित स्कूलिंग की एक ऐसी श्रंखला जो बच्चों को उचित शिक्षा देने के अलावा उनके पूरे विकास पर भी ज़ोर देती है।

अमेरिकन किडज़ की संस्थापक मोहिनी लांबा शिक्षा जगत में आज अपनी एक अलग पहचान बना चुकीं हैं। ‘अमेरिकन किड्ज‘ उन्हीं के द्वारा किया गया एक प्रयास है जो आज खूब फल-फूल रहा है। ‘अमेरिकन किड्ज़‘ की संस्थापक मोहिनी लांबा का अब तक का सफर लोगों के लिए एक मिसाल है। उनका जन्म एक ऐसे परिवार में हुआ जहां सभी लोग शिक्षण कार्य से जुड़े हुए थे, इनके मामा मेरठ कॉलेज में एचओडी रह चुके हैं।

मोहिनी का मानना है कि शिक्षा उनके खून मे है, वो कहतीं हैं कि यदि आप एक बार शिक्षक बन जाते हैं तो आप हमेशा के लिए एक शिक्षक हो जाते हैं। मारिया मॉन्टेसरी और मदर टेरेसा को आदर्श मानने वालीं मोहिनी ‘अमेरिकन किड्ज़‘ की शुरूआत करने से पहले एक फुलटाइम गृहणी रह चुकी हैं जो अपने बच्चों और परिवार के लिए पूरी तरह समर्पित थीं। ये शायद इसी का ही नतीजा था कि उनका परिवार भी उन्हें कुछ अलग करने, आगे बढ़ने के लिए हमेशा प्रेरित करता था।

मोहिनी ने शादी के बाद भी अपनी पढ़ाई जारी रखी जिसमें उनकी मां समान सास ने उनका भरपूर सहयोग दिया... ये सिर्फ एक संजोग ही था या कुछ और कि शादी के बाद मोहिनी को जो परिवार मिला उनका भी शिक्षा के क्षेत्र में ऊंचा नाम था।

मोहिनी की शादी विक्रम लांबा से हुई जो पेशे से एक शिक्षक हैं। विक्रम के सहयोग से साल 2007 मंप उन्होंने ‘अमेरिकन किड्ज़‘ श्रृंखला के पहले स्कूल की नींव रखी। आपको ये भी बता दें कि ‘अमेरिकन किड्ज़‘ अमेरिकन लैंग्वेज इंस्टीट्यूट जिसके संस्थापक विक्रम लांबा हैं, के उद्देश्य का आधार तैयार करता है। अमेरिकन लैंग्वेज़ इंस्टीट्यूट विदेशी भाषा सिखाने वाले इंस्टीट्यूट में देश का नामी संस्थान है।

जिस समय मोहिनी ने पहले स्कूल की शुरूआत की उस वक्त उनकी बेटी प्री-नर्सरी जबकि बेटा सेकेण्ड क्लास में था और इसी बीच छोटे बच्चों को आधुनिक और रोचक पद्धति से पढ़ाने के लिए उन्होंने लंदन के मारिया मॉन्टेसरी इंस्टीट्यूट से विशेष प्रशिक्षण हासिल किया ताकि स्कूल स्थापना के उद्देश्य को अपनी परिकल्पना के सांचे में ढाल सकें।

‘अमेरिकन किड्ज़ स्कूल‘ को मिली सफलता के बाद साल 2010 से मोहिनी और उनके पति व्रिकम ने फ्रेंचाइजी मॉडल पर काम शुरू किया है जिसके बलबूते पे मौजूदा समय में अमेरिकन किड्ज़ के 10 स्कूल सिर्फ मेरठ में हैं जबकि पूरे देश के 13 राज्यों में 80 से ज्यादा स्कूल खोले जा चुके हैं जो देश की नई पीढ़ी को तेजतर्रार और आधुनिक शिक्षा मुहैया कराने के साथ ही खेल से लेकर हर क्षेत्र में उनके समुचित विकास पर जोर दिया जा रहा है। ये मोहिनी का जज़्बा ही था कि 10 सालों की कड़ी मेहनत और जुझारूपन के साथ उन्होंने खुद को स्थापित किया और अपने काम के बूते पर शिक्षा का उजियारा फैलाने के साथ ही शहर के नाम को भी रौशन किया है।

मुस्कुराता, खूबसूरत चेहरा, कोयल की तरह मीठी बोली और अपने कार्यो के प्रति गंभीरता यही व्यकित्व है मोहिनी लांबा की। कांफिडेंस से भरपूर मोहिनी कोई भी काम करने से कतराती नहीं हैं। लाईफ में चैलेंज फेस करना उन्हें अच्छा लगता है। टीचिंग के साथ-साथ कुकिंग भी उनकी हॉबी है। मोहिनी हमेशा अपने बच्चों के लिए उनके पंसद का खाना बनाया करती हैं।

आज मोहिनी जिस मुकाम पर है वहां पर पहुंचना इतना आसान नहीं है। इस शोहरत और मुकाम के लिए वो अपने पति विक्रम का शुक्रिया अदा करती हैं। आज मोहिनी जिस मुकाम पर हैं अपने पति की बदौलत हैं। मोहिनी शादी के बाद अपने करियर के साथ-साथ अपने परिवार का भी ध्यान बखूबी रखती हैं। मोहिनी का मानना है कि एक टीचर का काम है परिवर्तन लाना न कि दूसरे लोगों को फॉलो करना और इसलिए एक अलग पद्धति के साथ बच्चों को पढ़ाकर देश का भविष्य बना रही हैं।

बिल्कुल सही कहा गया है कि पढ़ाई केवल किताबों में नही है बल्कि दिमाग में है इसलिए बच्चों को राइटिंग स्किल्स पर ध्यान देने के साथ ही अपनी नॉलेज पर भी ध्यान देना चाहिए और बच्चों की इसी जरूरत को पूरा करने के लिए मोहिनी एक ऐसा प्लेटफॉर्म दे रहीं है जो बच्चों को ज्ञान देने के साथ ही उन्हें ग्रूम भी कर रहा है। 

 

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