सिटी स्टार: वाराणसी के इस छात्र ने बनाई व्हाट्सप्प से चलने वाली गन
- Aditi
- Saturday | 10th February, 2018
- local
- बिना छुए दुश्मनों को ढ़ेर करेगी ये गन
- इंडियन आर्मी को मजबूत करने के लिए छात्र ने बनाई गन
- कबाड़ में जाने वाली चीजों से छात्र ने बनाई ये गन
वाराणसी के छात्र सुधांशु विश्वकर्मा ने व्हाट्सप्प से चलने वाली गन बनाई है। इस गन को बिना छुए दुश्मनों को ढ़ेर किया जा सकता है। बॉर्डर पर लगातार शहीद हो रहे जवानों की शहादत को रोकने और इंडियन आर्मी को और मजबूत करने के मकसद से छात्र ने इस गन का बनाया है। गन बनाने में किसी खास सामान नहीं ब्लकि उन चीजों का इस्तेमाल किया गया है जिन्हे हम कबाड़ कहकर फेंक देते है। इस गन को बनाने में सुधांशु के साथी प्रकाश मौर्य ने उनकी मदद की है।
सुधांधु विश्वकर्मा वाराणसी के पहाड़िया स्थित अशोका इंस्टीट्यूट में पढ़ता है और मैकेनिकल इंजीनियरिंग का छात्र है। सुधांशु के पिता मोटर मैकैनिक है और बिगड़े सामानों को ठीक करना उनका काम है। सुधांशु अपने पिता की प्रेणना और दोस्त प्रकाश मौर्य के सहयोग से इस गन को बनाया है।
10 दिन और 6000 के खर्च से बना है ये गन
व्हाट्सप्प से चलने वाले इस गन को बनाने में भारी खर्च नहीं बल्कि महज 6000 हजार रुपय का खर्च आया है। 10 दिन की कड़ी मेहनत के बाद सुधांशु और प्रकाश ने कबाड़ के सामान से इस गन को बनाया है। इस गन में मोटर साइकिल का शॉकर , खराब बाइक क्लच प्लेट , आधे इंच की पाइप, खराब डीवीडी से लिया गया गेयर पुली , डीसी मोटर कूलर , ह्यूमन बाड़ी सेंसर ,रेडियों फ्रीक्वेंसी किट और एक मोबाइल फोन से इसको बनाया गया है।
ऐसे करती है काम
सुधांशु विश्वकर्मा ने बताया, वायरलेस सेट की रेडियो फ्रीक्वेंसी से गन को दूर बैठकर चलाया जा सकेगा। गन को ऑपरेट करने के लिए 2 मोबाइल फोन की जरुरत पड़ती है। एक फोन उस गन में इनस्टॉल रहता है। दूसरे से गन में लगे मोबाइल के व्हाट्सप्प पर जैसे ही `FIRE` टाइप कर सेंड किया जाता है, वैसे ही गन फायर कर देता है। गन में इंटरनेट रिसीवर के साथ ह्यूमन सेंसर भी लगा है, जो ह्यूमन को सेन्स कर ही फायर करता है। फ्रीक्वेंसी कनेक्टर के साथ कोड के जरिये सेंसर को जोड़ा गया है। जैसे ही कोई दुश्मन सेट किए रेंज में आएगा, पहला सेंसर एम्प्लीफायर और सर्किट को एक्टिव कर देगा।