BHU के डॉ सुनीत कुमार सिंह ने HIV पर किया ये शोध , मिला अवॉर्ड

  • Abhijit
  • Saturday | 21st October, 2017
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संक्षेप:

  • HIV शोध पर की है कड़ी मेहनत
  • शोध में बताया कि खून से मस्तिष्क में कैसे जाता है HIV वायरस
  • संसाधनों के आभाव में पूरी की MBBS की पढ़ाई

बनारस: काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के वाइरोलॉजिस्ट विभाग के प्रोफेसर डॉ सुनीत कुमार सिंह काशी ही नहीं बल्कि प्रदेश के युवाओ के लिए प्रेरणा श्रोत हैं। अपनी मेहनत और कड़े परिश्रम के कारण कम समय में ही डॉ सुनीत कुमार सिंह ने बड़ी सफलता हासिल की है। डॉ सुनीत कुमार सिंह ने हाल में ही अपने रिचर्स से देशभर में धूम मचा दी उनके इस रिचर्स के बाद उन्हें भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के “जे बी श्रीवास्तव मेमोरियल ओरेशन अवार्ड" से भी नवाजा गया। NYOOOZ आज आपको आज डॉ सुनीत कुमार सिंह की पूरी दास्तां बताएगा।

HIV वायरस पर किया गहन रिसर्च

बीएचयू के जाने माने वाइरोलॉजिस्ट हैं डॉ सुनीत कुमार सिंह ने अपनी कड़ी मेहनत और लगन से फर्स से अर्स तक का सफर तय किया है। काम समय में ही उन्होंने ढेरों शोध किये है। हाल में ही उन्होंने एचआईवी के रक्त से मस्तिष्क तक पहुंचने तक की क्रियाविधि को समझने के अपने शोध से मेडिकल साइंस की दुनिया में नई बुलंदिया हासिल की। डॉ सुनीत कुमार सिंह वर्तमान में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के चिकित्सा विज्ञानं संस्थान के आणविक जीव विज्ञान विभाग में प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष के रूप में काम कर रहे हैं। प्रोफेसर सिंह को मेडिकल वायरलॉजी के क्षेत्र में अपने शोध कार्य के लिए भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के “जे बी श्रीवास्तव मेमोरियल ओरेशन अवार्ड" से नवाजा गया। इससे पहले भी प्रोफेसर सिंह कई राष्ट्रीय पुरूस्कार से नवाजे जा चुके है। केंद्रीय राज्य स्वास्थ एवं परिवार कल्याण मंत्री अनुप्रिया पटेल ने आईसीएमआर के द्वारा आयोजित कार्यक्रम में उन्हें ये अवॉर्ड दिया I

समाज सेवा की भावना से बने डॉक्टर

वाराणसी के रहने वाले डॉ सुनीत कुमार सिंह ने NYOOOZ से बताया की समाजसेवा की भावना और गरीबो के दर्द को दूर करने के लिए वो इस पेशे में आये और आज वो मरीजों की सेवा कर अपने कर्तव्य का पूरी जिम्मेदारी से निर्वहन कर रहे है। मुश्किल हालतो के बाद भी उनसे लड़कर डॉ सुनील ने डॉक्टरी की पढ़ाई BHU के चिकित्सा विज्ञान संस्थान से पूरी की और फिर जुट गए अपने लक्ष्य में। काम समय में जिस तरह डॉ सुनील में बड़ी सफलता हासिल की उससे आज पुरे BHU और काशी को डॉ सुनीत कुमार सिंह पर नाज है।

BHU के डॉ सुनीत कुमार सिंह ने NYOOOZ से ख़ास बातचीत में बताया की यदि लोग कड़ी परिश्रम और मेहनत से काम करे तो सफलता उसके कदम जरूर चूमेगी।


ये है शोध

प्रोफेसर सिंह अपने शोध में स्पष्ट किया की एचआईवी मष्तिष्क में जाने के बाद न्यूरोएड्स को जन्म देता है। न्यूरोएड्स एक ऐसी स्थिति है, जब एचआईवी संक्रमित रोगियों के मस्तिष्क में HIV इन्फेक्शन के न्यूरोइफ्लमेटरी इवेंट्स के कारण विभिन्न न्यूरोलॉजिकल और न्यूरोकॉग्निटिव विकार पैदा होते हैं। डॉ सिंह ने दिखाया कि एचआईवी "tat प्रोटीन" ब्लड ब्रेन बैरियर (बीबीबी) की अखंडता को प्रभावित करता है। बीबीबी मस्तिष्क में माइक्रोवास्कुलर एंडोथेलियल कोशिकाओं से बना होता है,ब्लड ब्रेन बैरियर एक प्रकार का अवरोध हैं जो की मस्तिष्क से रक्त परिसंचरण को अलग करती है। इस प्रकार; किसी भी समय रक्त कोशिकाओं का मस्तिष्क तक प्रवेश काफी नियंत्रित रहता है। डॉ सिंह का शोध कार्य प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय जर्नल "जर्नल ऑफ न्यूरोसाइंस" में प्रकाशित किया गया है। अपने शोध कार्य में प्रोफेसर सिंह ने स्पष्ट रूप से दिखाया कि एचआईवी प्रोटीन मस्तिष्क की ब्लड ब्रेन बैरियर की अखंडता को प्रभावित करता हैंI

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