सिटी स्टार- वाराणसी की प्रतिभा सिंह ने 24 गरीब बच्चों को लिया गोद

  • Aditi
  • Saturday | 29th July, 2017
  • local
संक्षेप:

  • वाराणसी में NYOOOZ ने ढूंढी एक अनोखी मां
  • भीख मांगने वाले 24 बच्चों को पाल रही प्रतिभा सिंह
  • बच्चों के लिए खुद बनाती हैं खाना, स्कूल भेजने के साथ ही लेती हैं क्लास

वाराणसी- अक्सर सभी माँ अपने बच्चों पर अपनी ना केवल जान छिड़कती हैं बल्कि उनके दुःख-सुख को अपना दुःख सुख मानती हैं, लेकिन यदि कोई महिला अपने बच्चों की जगह मुहल्ले के बच्चों के साथ ये सब कुछ करे तो। आज NYOOOZ आप को एक ऐसी माँ की ममता दिखाने जा रहा है। जो अपने बच्चों के साथ ही मुहल्ले के इन बच्चों पर भी अपने प्यार की झड़ी से सजाती हैं।

ये अनोखी माँ हर दिन इन बच्चों को नहला धुलाकर ना केवल तैयार करती हैं बल्कि उन्हें पढ़ाने के बाद ही वापस जाते समय मनपसंद व्यंजन का स्वाद भी चखाती है।

कहा जाता है कि पर सेवा ही सच्ची सेवा होती है लेकिन आज के व्यावसायिक दौर में ऐसा देखने को नहीं मिलता लेकिन आज आपको हम एक महिला की ऐसी तस्वीर दिखाएंगे, जिसे देख आप भी इसी दुनिया की अनोखी माँ कहने में बिलकुल नहीं हिचकेंगे।

काशी की प्रतिभा सिंह की प्रतिभा के चर्चे पुरे काशी में है। प्रतिभा सिंह अपने बच्चों की तरह ही काशी के भीख मांगने वाले एक दो नहीं बल्कि 2 दर्जन से अधिक बच्चों का लालन पालन करती है बल्कि उन्हें पढ़ाती भी है।

यूँ तो आप ने माँ के ममता की अनेको कहानियाँ देखी और सुनी होगी लेकिन आज हम आपको एक ऐसी माँ के कहानी बताने जा रहे है जो इन सब से परे है। सभी माँ अपने जिगर के टुकड़े को हर सुबह के साथ बड़े लाड प्यार से या फिर मीठी झिड़कियों के साथ ही तैयार करती है बल्कि उन्हें स्वादिष्ट भोजन का स्वाद भी चखाती है लेकिन यही लाड प्यार जब मुहल्ले के अन्य बच्चो के साथ दिखे तो आप उसे अनोखी माँ ही कहेंगे। वाराणसी के नेवादा इलाके में रहने वाली ये महिला उन बच्चो पर अपनी ममता न्योछावर करती है जिसे समाज में लोग हेय की दृष्टि से देखते है हम बात कर रहे है भीख मांगने वाले परिवार के बच्चो की जिसे समाज में होते हुए भी समाज से अलग मन जाता है लेकिन इस माँ की ममता देखिये ये महिला उन बच्चो को प्रतिदिन अपने घर में सैम्पू और साबुन से नहलाने के साथ ही उन्हें तैयार कर पढ़ाती है।

जो बच्चे कल तक अपने माँ बाप के साथ सड़को के किनारे भीख मांगना पसंद करते थे। आज अनोखी माँ के प्यार और प्रयास ने इन बच्चो के जीवनशैली को पूरी तरह बदल दिया है। बात यदि बच्चो की करे तो आज ये बच्चे भीख मागने के बजाय पढ़ना पसंद करते है, मंदिरो के बाहर बैठ भीख मांगना नहीं बल्कि मंदिरो के अंदर घूमना पसंद करते है यही नहीं बल्कि आपने माँ बाप को को ऐसा करने से मना करते है।

NYOOOZ से ख़ास बातचीत में प्रतिभा सिंह ने बताया की शुरू के दिनों में ससुराल में अपने घर के दो चार होने पड़े थे,ताने सुनने को मिले फिर लोगो ने उनकी भावनाओ को समझा और सब कुछ ठीक होने लगा ले। अब आलम यह हैं कि घर के बाकी सदस्य भी इस जज्बे को सलाम ही नहीं करते बल्कि अब इन बच्चों के सहयोग में अपनी भूमिका भी सुनिश्चित भी कराते हैं।

 

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