टीवी से गहरी दोस्ती पड़ेगी महंगी

आधुनिक जीवन शैली ने बच्चों के दिमाग पर गहरा प्रभाव डाला है। बच्चे स्कूल से आते ही घर में बंद

हो जाते है और घंटों टीवी के सामने बैठे रहते हैं। अगर घर में मां बाप उन्हें रोकते भी हैं तो उनकी बातों

को वे नज़रअंदाज़ करते रहते हैं। इस नाजुक उम्र में उन्हें क्या देखना चाहिए? और क्या नहीं ये उन्हें

ठीक से मालूम भी नहीं होता, जिसका असर उनके स्वास्थ्य पर पड़ने लगता है।

टीवी पर हर प्रकार के प्रोग्राम आते हैं, किस तरह के कार्यक्रम देखने चाहिए उसकी समझ नहीं होती।

बच्चे कार्टून, क्राइम और हॉरर जैसे शो देखने के आदि हो जाते है। ये तीनों प्रकार के कार्यक्रम बच्चों के

नाज़ुक दिमाग के लिए नुकसानदेह हैं। अगर बच्चे इस तरह के कार्यकर्मों को नियमित रुप से देखते हैं

तो उन्हें इसका खामियाज़ा भुगतना पड़ता है और बच्चों को बीमारियां घेरने लगतीं हैं जैसे-

1. मानसिक परेशानी

2. अकेले रहने की आदत

3. लोगों के बीच आने से कतराना

3. अंधेरे से डर लगना

4. हमेशा डरा और सहमा रहना

5. मन में उल्टे-सीधे विचार आना, आत्महत्या करने की इच्छा होना

6. जल्दी गुस्सा आना

7. हिंसक हो जाना

8. जिद्दी बनना।

9. कहना नहीं मानना

10. काल्पनिक दुनिया में रहना

11. एकाग्रता में कमी आना

12. हमेशा गुमसुम रहना

अगर आपका बच्चा भी टीवी से दोस्ती कर बैठा है तो आप उसके व्यवहार में आए इन बदलावों को

पहचाने और उसे समय दें। बच्चों को इन सब दुष्प्रभावों से बचाने के लिए सबसे पहली जरूरत है उन्हें

पर्याप्त समय देने की। ये उम्र बच्चों की नींव तैयार करती है उन्हें आत्मबल देती है और समाज के प्रति

उनका नजरिया बनाती है। ऐसे में जरूरी है कि बच्चों को समय देने के साथ-साथ उसे बाहर क्रिकेट,

फुटबॉल जैसे खेल खेलने के लिए भेजे और पिकनिक पर भी ले जाएं।

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