- नींद नहीं आने के हो सकते हैं कई कारण
- इससे बढ़ती है याददाश्त और एकाग्रता
- बीमारी के कारण भी प्रभावित होती है नींद
नींद नहीं आना, अनिद्रा के कई कारण हो सकते हैं। सुबह बिस्तर से उठने के बाद यदि फ्रेश व तरोताजा महसूस नहीं करते हो। दिन भर थकान , उनींदापन और चिड़चिड़ाहट रहती हो। रात को सोने के लिए लेटने पर नींद नहीं आती हो। थके हुए होने के बावजूद सो नहीं पाते हों । रात को नींद खुल जाए तो फिर दुबारा सोने में मुश्किल होती हो। न चाहते हुए भी सुबह बहुत जल्दी नींद खुल जाती हो और ये लगातार कुछ दिन , कुछ सप्ताह या लम्बे समय तक हो तो आप अनिद्रा रोग के शिकार हो सकते है। इसे ठीक किया जा सकता है।
अच्छी नींद आना आवश्यक होता है क्योंकि इससे थकान दूर होकर शरीर ऊर्जा , शक्ति और ताकत से भर जाता है। आप तरोताजा होकर नए दिन की शुरुआत जोश के साथ कर पाते है। इससे याददाश्त और एकाग्रता बढ़ती है। रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार होता है। अनिद्रा ( anidra ) की समस्या ज्यादातर मानसिक तनाव यानि टेंशन , खाने पीने की गलत आदतें व शारीरिक गतिविधि कम होने के कारण होती है। किसी रोग या बीमारी के कारण नींद बहुत प्रभावित होती है।
अस्थमा , एलर्जी , एसीडिटी , थाइरॉयड , गुर्दे की परेशानी , कैंसर आदि के कारण भी अनिद्रा हो सकती है। पेट में कीड़े होना नींद में रूकावट का कारण बन सकता है । एलर्जी , अस्थमा या लगातार जुकाम आदि का कारण घरों में पाए जाने वाले डस्ट माइट हो सकते हैं।कुछ दवाएँ भी नींद में खलल डाल सकती है। दिन में ज्यादा देर तक सोने से भी रात को नींद आने में दिक्कत होती है। नींद पूरी नहीं होने पर शरीर की शारीरिक , मानसिक व भावनात्मक थकान नहीं मिट पाती। जिसके कारण शरीर पर बुरा प्रभाव पड़ता है और कई तरह की बीमारी के रूप में परिणाम सामने आने लगता है।
सोने के लिए बिस्तर पर लेटे हुए भविष्य की चिंता , नकारात्मक विचार , डर या कोई अन्य कोई चिंता या विचार दिमाग में होने से शरीर में फुर्ती पैदा करने वाला हार्मोन एड्रेनलिन बनता है जो सोने नहीं देता। इसका समाधान कुछ लोग शराब , चाय , कॉफी , सिगरेट , पान मसाला आदि से करने की कोशिश करते है। लेकिन ये नशे की चीजें विपरीत असर पैदा करके समस्या को बढ़ा देती है।
रात के समय ज्यादा मसालेदार खाना , फास्ट फूड , मैदा से बने या तले हुए सामान , देर से पचने वाला खाना आदि पाचन तंत्र को प्रभावित करते है। ऐसा खाना पेट में गैस , दर्द , जलन , एसिडिटी आदि पैदा करता है जिसकी वजह से नींद नहीं आती ।
शारीरिक गतिविधि के कम होने से भी नींद नहीं आती क्योंकि शरीर थकता नहीं है तो उसे आराम की आवश्यकता महसूस नहीं होती। ये भी नींद न आने का कारण बन सकता है। सीखकर थोड़ी एक्सरसाइज या योगासन आदि जरूर करने चाहिए। एक्सरसाइज सावधानी से शुरू करनी चाहिए।
गहरी नींद सोने के तरीके
- गहरी अच्छी नींद के लिए शांति और सुकून बहुत आवश्यक है। चिंता , फिक्र , गुस्सा , लोभ , जलन , असंतोष आदि सुकून छीन लेते है।
- कपालभाती व अनुलोम विलोम प्राणायाम और ध्यान से मानसिक शांति मिलती है जो अच्छी नींद लाने में बहुत सहायक होते है। अतः इनका अभ्यास करने से अच्छी नींद आ सकती है।
ज्ञान मुद्रा बनाने से आती है अच्छी नींद
- ज्ञान मुद्रा बनाने के लिए तर्जनी अंगुली Index Finger व अंगूठे Thumb के सिरो को मिलाते है और बाकी तीन अंगुलियां सीधी रखते है।
- इसे दोनों हाथों में बनाएँ। इसे बैठे हुए , लेटे हुए , चलते हुए कभी भी किया जा सकता है। ये मुद्रा दिमाग के लिए बहुत लाभकारी है। इससे डिप्रेशन , गुस्सा , चिड़चिड़ापन दूर होते है। दिमागी शक्ति , स्मरण शक्ति व एकाग्रता बढ़ती है। मानसिक शांति मिलती है। अनिद्रा दूर होती है। ज्ञान मुद्रा एक योग मुद्रा है। अन्य योग मुद्राएँ भी बहुत लाभदायक होती है।
- रात के समय हल्का और सुपाच्य भोजन लेना चाहिए। सोने से दो घंटे पहले भोजन कर लेना चाहिए। रात को खाना खाने के बाद थोड़ी देर टहले ताकि खाना पच जाए और पेट हल्का रहे। इससे पेट के कारण नींद में अवरोध neend me disturbance नहीं होगा।
- चाय , कॉफी , तम्बाकू और शराब आदि के कारण नींद की प्रक्रिया प्रभावित होती है। अतः शाम के समय ये ना लें। हो सकता है शराब के नशे के कारण एक बार सो पाएँ लेकिन बाद में इसके कारण गहरी नींद नहीं आ पाती।
- सोने का एक निश्चित समय बना लेने से उस वक्त नींद आने लग जाती है। उस समय सो जाएँ तो अच्छी गहरी नींद आती है।
- टीवी , कम्प्यूटर , मोबाइल का उपयोग तथा बुक रीडिंग आदि बिस्तर में लेटकर न करें। इससे आंखों पर जोर पड़ता है और आंखों में दर्द हो सकता हैं। इससे नींद चली जाती है। अतः इन सबका यूज़ कुर्सी पर बैठ कर करें। आंखों की थकान मिटाने के लिए आंखों की एक्सरसाइज करें। इनसे आँखें सुन्दर और स्वस्थ भी रहती हैं।
- आजकल कम्प्यूटर पर ही ज्यादातर काम होता है जिसके कारण कम्प्यूटर विज़न सिंड्रोम हो सकता है। यह नींद न आने की वजह बन सकता है।
- बिस्तर सोने के लिए होता है। अतः उसका उपयोग सिर्फ सोने के लिए करें। अन्य किसी भी प्रकार का कार्य जैसे वहां ना करें। जब तक गहरी नींद आने का अहसास न होने लगे बिस्तर पर ना लेटें। ऐसा करने से तुरंत नींद आएगी।
नींद लाने के घरेलू उपाय
- तरबूज की गिरी 50 ग्राम पीस लें। खसखस ( पोस्तदाना ) – 50 ग्राम पीस लें। दोनों चूर्ण मिला दें। इसमें से आधा चम्मच सुबह और आधा चम्मच शाम को दो सप्ताह तक लें। रात को नींद अच्छी आने लगेगी।
- एक गिलास पानी में 12-15 ताजा पोदीने की पत्तियां या एक चम्मच पोदीने की सुखी पत्ती का चूर्ण डालकर दो मिनट उबाल लें। इसे छान लें। जब गुनगुना रह जाए तब इस पानी में दो चम्मच शहद मिलाकर पिएँ। रात को सोते समय तीन चार सप्ताह इसे पीने से अच्छी नींद आती है।
- एक चम्मच खसखस पानी में भिगो दें। 8 घंटे भीगने के बाद इसे पानी के साथ बारीक पीस लें। इसे एक गिलास पानी में मिलाकर कपड़े से छान लें। इसमें दो चम्मच पिसी मिश्री मिलाकर पिएं। ये प्रयोग सुबह शाम खाली पेट दो सप्ताह लगातार लेने से अच्छी नींद आती है।
- सोने से पहले पैरों को हल्के गर्म पानी से धोने से नींद जल्दी आ जाती है।
- सोने से थोड़ी देर पहले गुनगुना मीठा दूध पीने से नींद अच्छी आती है।
- रात को सोते समय एक रुई के टुकड़े को सरसों के तेल में भिगोकर नाभि पर रख लें और उस पर हल्की पट्टी लगा दें। इसे लगा कर सो जाएँ . इससे गहरी नींद आती है।
- गहरी नींद नहीं आती हो तो कच्चा प्याज सलाद के रूप में दोनों समय भोजन के साथ कुछ दिन खाने से गहरी नींद आने लगती है।
रात को सोते समय पैर के तलुवों में सरसों के तेल की मालिश करने से अच्छी नींद आती है। - एक सेब ( apple ) के छोटे छोटे टुकड़े करके दो गिलास पानी में उबाल लें। ठंडा होने पर सेब को पानी में मसल लें। छान कर स्वाद के
अनुसार नमक मिलाकर पिएं। कुछ दिन इसे पीने से नींद न आने की समस्या दूर होती है।
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