World Earth Day 2019:विश्व पृथ्वी दिवस आज

  • भारत में अब कैंसर, टीवी, दमा से ज्यादा लोग प्रदूषित हवा के कारण दम तोड़ रहे हैं
  • हैरानी वाली बात तो यह है कि देश की जिन दो बड़ी पार्टियों ने अपने घोषणा पत्र में वायु प्रदूषण से निपटने की बात लिखी है
  • दुनिया में भारत ऐसा देश बन गया है जहां वायु प्रदूषण के कारण सबसे अधिक बच्चे मरते हैं।

भारत में अब कैंसर, टीवी, दमा से ज्यादा लोग प्रदूषित हवा के कारण दम तोड़ रहे हैं। फिर भी इस आम चुनाव में प्रदूषण मुद्दा नहीं पाया।

हैरानी वाली बात तो यह है कि देश की जिन दो बड़ी पार्टियों ने अपने घोषणा पत्र में वायु प्रदूषण से निपटने की बात लिखी है, उन पार्टियों के नेता ही चुनावी रैलियों में इस मुद्दे को प्रमुखता से नहीं रख रहे हैं। ऐसे में घोषणापत्र के इन वादों पर इन दलों की गंभीरता पर ही प्रश्न उठता है।

दूसरी ओर, छोटे दल भी इन मुद्दों पर कोई बात नहीं कर रहे हैं, दिल्ली की हवा जहरीली हो जाने के कारण आम आदमी पार्टी जरूर इस मुद्दे पर बात करती रही है लेकिन चुनावी वादे के रूप में फिलहाल कोई बात सामने नहीं आई।

दुनिया में भारत ऐसा देश बन गया है जहां वायु प्रदूषण के कारण सबसे अधिक बच्चे मरते हैं। इस मुद्दे को प्रमुख राजनीतिक दलों बस छूकर निकल गए हैं।

ऐसे शुरू हुआ पृथ्वी दिवस जनवरी 1969 में कैलिफोर्निया के सांताबारबरा स्थित समुद्र तट पर एक तेल के कुएं की खोदाई चल रही थी। इसी दौरान इसमें विस्फोट हो गया। इससे करोड़ों गैलन कच्चा और हानिकारक तेल समुद्र में फैल गया, जिसने लाखों पक्षियों, डॉल्फिन, सील, सी-लॉयन, मछलियों की जान ले ली। इस घटना ने दुनिया को मनुष्य द्वारा पैदा किए गए उन खतरों के बारे में बताया जो इस पृथ्वी को नुकसान पहुंचा रहे हैं। इसी वर्ष यूनेस्को में एक कॉन्फ्रेंस हुई और पर्यावरणविदों ने पृथ्वी के सम्मान, शांति और यहां मौजूद जीवन को बनाए रखने के लिए एक दिन समर्पित करने का निवेदन किया। इसके आधार पर संयुक्त राष्ट्र संघ ने 22 अप्रैल 1970 को पहला पृथ्वी दिवस मनाने की परंपरा शुरू की

 

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