Holi 2018: इस वीकेंड जाए मथुरा-वृंदावन की होली खेलने

  • शुरू हो गई ब्रज की हफ्ते भर की होली
  • बांके बिहारी मंदिर में रंगों की होली
  • हुरंगा में कपड़े फाड़ने वाली होली

भारत में हर त्योहार बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है। लेकिन इन सब में होली की जगह अलग है। इस होली में भी ब्रज की होली की छटा अलग है, कहते हैं कि जग में होली ब्रज में होला.. बाकी ज्यादातर जगहों पर जहां होली 1 दिन खेली जाती है, वहीं मथुरा, वृंदावन, गोकुल, नंदगांव, बरसाने में एक हफ्ते तक होली चलती है। हर दिन एक अलग तरह की होली यहां खेली जाती है। तो आप भी लीजिए ब्रज की होली की अलग-अलग तारीखों पर मथुरा और वृंदावन की होली खेलने का मज़ा

लठमार होली

बरसाने की लठमार होली की शुरुआत 24 फरवरी से हो गई है। एक हफ्ते चलने वाले होली के सप्ताह की शुरुआत हो गई है। नंदगांव (कृष्ण के गांव) के लड़के बरसाने जाते हैं और गोपियां उनके पीछे लठ लेकर भागती हैं और उन्हें मारती (प्रेम से) हैं। अगर आप अपना वीकैंड को खास बनाने की सोच रहे है तो 25 फरवरी को नंदगांव जाकर लठमार होली का मजा ले।

फूलों की होली

वहीं वृंदावन की बात करें तो यहां फागुन की एकादशी को वृंदावन में फूलों की होली मनाई जाती है। बांके बिहारी मंदिर में फूलों की ये होली सिर्फ 15-20 मिनट तक चलती है। शाम 4 बजे की इस होली के लिए समय का पाबंद होना बहुत जरूरी है। इस होली में बांके बिहारी मंदिर के कपाट खुलते ही पुजारी भक्तों पर फूलों की बरारिश होती है। 2018 में ये होली 26 मार्च यानी सोमवार को होगी।

बांके बिहारी मंदिर में रंगों की होली

वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में होली का जश्न दुनिया भर में मशहूर है। यहां भक्त अपने भगवान के साथ होली खेलते हैं। मंदिर के कपाट खुलते ही श्रद्धालु अपने प्रभु पर रंग बरसाने के लिए टूट पड़ते हैं। इस होली में कई क्विंटल गुलाल और रंग बरसाया जाता है। 1 मार्च 2018 को होने वाली ये होली सुबह 9 बजे से 1.30 तक चलेगी। इस होली के तुरंत बाद मथुरा में होली का जुलूस निकलता है. दोपहर 2 बजे से निकलने वाले इस जलसे में हिस्सा लेना एक दूसरी ही दुनिया का अनुभव है।

हुरंगा

दाऊ जी के मंदिर में होली के अगले दिन मनाया जाने वाला ये त्योहार 500 साल पुराना है। इस मंदिर के सेवादार परिवार की महिलाएं पुरुषों के कपड़े फाड़कर उनसे उन्हें पीटती हैं। इस परिवार में अब 300 से ज्यादा लोग हैं। ऐसे में ये त्योहार देखने वाला होता है। इस साल ये त्योहार 3 मार्च को 12.30 से 4 बजे तक मनाया जाएगा। दाऊ जी का मंदिर मथुरा से 30 किलोमीटर दूर है। इसके साथ ही इस त्योहार में बेहद भीड़ होती है। इसलिए सुबह जल्दी पहुंचना जरूरी होता है।

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