आगरा (Agra) से नोएडा (Noida) तक बने यमुना एक्सप्रेसवे (Yamuna Expressway) पर एक दिसंबर से फास्टैग (FASTag) की व्यवस्था लागू नहीं होगी

आगरा. रफ्तार की छह लेन वाली इस सड़क पर हजारों वाहन रोज गुजरते हैं, लेकिन उन्हें फास्टैग सिस्टम का कोई लाभ नहीं होने जा रहा है. फास्टैग सिस्टम लागू न होने की वजह से हर दिन ताजमहल (Tajmahal) देखने आने वाले हजारों पर्यटकों के समय में बचत भी नहीं होगी. वाहनों को प्रत्येक टोल पर रुकना ही पड़ेगा. फास्टैग के सिस्टम से टोल प्लाजा प्रबंधन बेखबर है. प्रबंधन का कहना है कि उनके पास अधिकृत रूप से कोई आदेश नहीं आया है, इसलिए फिलहाल कोई व्यवस्था नहीं की जा रही है. यमुना एक्सप्रेसवे पर तीन टोल प्लाजा आगरा से नोएडा तक 165 किलोमीटर लंबे यमुना एक्सप्रेसवे पर तीन टोल प्लाजा हैं. इनमें आगरा, मथुरा और जेवर शामिल हैं. नोएडा, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब से हर दिन हजारों वाहनों पर सवार लोग ताजमहल का दीदार करने आगरा आते हैं. फास्टैग सिस्टम को लेकर लोगों में उम्मीद थी कि यमुना एक्सप्रेसवे पर तीनों टोल प्लाजा पर बिना रुके वह आगरा पहुंच जाएंगे और उनका समय बचेगा. लेकिन जेपी इन्फ्राटेक ने सबकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है. आगरा से नोएडा के बीच किसी भी टोल प्लाजा पर फास्टैग को लेकर कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं. हर दिन 25 से 30 हजार वाहन गुजरते हैंयमुना एक्सप्रेसवे पर हर दिन 25 से 30 हजार वाहन गुजरते हैं. वीकेंड पर शनिवार और रविवार को एक्सप्रेसवे से गुजरने वाले वाहनों का आंकड़ा 40 हजार के पार चला जाता है. वीकेंड पर कई बार यमुना एक्सप्रेसवे पर जाम लगता है जिसके कारण तीनों टोल प्लाजा पर वाहनों में सवार लोगों का काफी वक्त बर्बाद हो जाता है. लोगों को उम्मीद थी कि एक दिसंबर से यमुना एक्सप्रेसवे पर भी फास्टैग सिस्टम उनकी वक्त की बर्बादी रोकेगा. लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं होने जा रहा है. टोल के किसी भी लेन में फास्टैग की कोई व्यवस्था नहीं की गई है. इस तरह से देश भर में हाईवे जहां अत्याधुनिक तकनीक से लैस होकर फास्टैग के जरिये लोगों के समय की बर्बादी को रोकेंगे, वहीं रफ्तार की अत्याधुनिक सड़कों में शुमार यमुना एक्सप्रेसवे पुराने तौर तरीकों पर ही काम करेगी. यमुना एक्सप्रेसवे के सभी टोल पर लोगों को रुककर पर्ची कटानी पड़ेगी. जानिए क्या है फास्टैग तकनीक? फास्टैग वाहन की विंड स्क्रीन पर लगने वाली व्यवस्था है. विंड स्क्रीन पर स्टीकर जैसा उपकरण लगेगा. यह रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटफिकेशन तकनीक पर आधारित है. इस तकनीक के जरिये चल रहे वाहन जब टोल बूथ से गुजरते हैं तो उनका खुद रिकार्ड दर्ज हो जाता है. टोल टैक्स बैंक खाते से ही काट लिया जाता है, जो फास्टैग से जुड़ा होता है. ऐसे में वाहन चालक को टोल बूथ पर रुकने की कोई जरूरत नहीं पड़ती और उसका समय बच जाता है. डिजिटल पेमेंट पर वाहन स्वामी को कैश बैक देने की भी तैयारी की गयी है. टोल प्लाजा पर नहीं लगेगा जाम फास्टैग की व्यवस्था यदि यमुना एक्सप्रेसवे पर लागू हो जाती तो टोल पर लगने वाले जाम से निजात मिल जाती. गाड़ियों की अत्यधिक संख्या के कारण टोल प्लाजा की सभी लेन में हमेशा दस से बीस गाड़ियां सामान्य तौर पर खड़ी रहती हैं. वीकेंड पर टोल पर पचास-पचास गाड़ियां खड़ी रहती हैं, जिसके कारण कभी-कभी पंद्रह मिनट तक का इंतजार करना पड़ता है. औसतन तीनों टोल प्लजा पर वीकेंड पर पैतालीस मिनट वाहनों का बर्बाद हो जाता है. यदि यमुना एक्सप्रेसवे पर भी फास्टैग लगता तो लोगों के पैंतालीस मिनट आसानी से बच जाते.   window.ADNW = window.ADNW || {}; window.ADNW.v60 = window.ADNW.v60 || {}; window.ADNW.v60.slots = window.ADNW.v60.slots || []; window.ADNW.v60.slots.push({ rootElement: document.getElementNYOOOZ HINDIId("firstArticle"), placementid: '891619170980514_1503976046411487', format: 'recirculation', testmode: false, onAdLoaded: function(element) { // called on each single ad that is loaded }, onAdError: function(errorCode, errorMessage) { // called when no ads could be loaded }, onUnitLoaded: function(rootElement) { // called when whole unit is loaded console.log('Audience Network [891619170980514_1503976046411487] unit loaded'); rootElement.setAttribute("style", "border-top: 1px solid #908888;border-bottom: 1px solid #908888;padding: 10px 0;margin: 10px 0 20px;display:block"); }, onUnitError: function(errorCode, errorMessage) { // called when whole unit could not be loaded console.log('Audience Network [891619170980514_1503976046411487] error (' + errorCode + ') ' + errorMessage); }, recirculation: { desktop: { ad_load: 'auto', infinite_scroll: 'auto', layout: 'h_list', rows: 'one', columns: 'two' }, mobile: { ad_load: 'auto', infinite_scroll: 'auto', layout: 'grid', }, } }); ये भी पढ़ें: FASTag तो ठीक लेकिन फर्जी आईडी दिखाकर टोल में छूट मांगने वालों से कैसे निपटेंगे? BHU: डॉ फिरोज की आयुर्वेद संकाय में भी हो सकती है नियुक्ति, दिया इंटरव्यू।

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