आगरा- मंदिरों में चढ़ने के बाद अब कूड़े में नहीं फेंके जाएंगे फूल, ऐसे होगा इस्तेमाल

संक्षेप:

  • कूड़े के रूप में फेंकी जाने वाली सामग्री का  होगा उपयोग
  • 100 मंदिरों में चढ़ाए जाने वाले फूलों से खाद बनाने का कारखाना
  • कारखाना राजनगर लोहा मंडी में लगाया जा चुका है

आगरा नगर निगम महानगर को कूड़ा मुक्त करने के साथ-साथ कूड़े के रूप में फेंकी जाने वाली सामग्री का उपयोग अब कंपोस्ट खाद बनाने में करने जा रहा है। शहर के लगभग 100 मंदिरों में चढ़ाए जाने वाले फूलों से खाद बनाने का कारखाना राजनगर लोहा मंडी में लगाया जा चुका है। जिसका उद्घाटन महापौर नवीन जैन द्वारा किया गया। दो मीट्रिक टन की क्षमता वाले इस प्लांट को चलाने का करार आगरा नगर निगम ने इंडिया एग्रो ऑर्गेनिक आगरा, एनजीओ गुरु वशिष्ठ मानव सर्वांगीण विकास सेवा समिति के साथ किया है। इस कार्य के लिए एनजीओ ने हाथी घाट स्थित मंदिर पर महानगर के मंदिर प्रशासकों व शादी घरों के संचालकों के साथ-साथ गौशाला प्रबंधकों की संयुक्त बैठक में शपथ दिलाई थी कि बेकार फूलों और गाय के गोबर को खुले में नहीं फेकेंगे।आपको

बताते चलें की एनजीओ के स्वयंसेवक मंदिरों व शादी घरों से वेस्ट फूलों का संग्रह करेंगे। वह महानगर के विभिन्न स्थानों से गाय और भैंस के गोबर को भी एकत्रित कर फूलों व गोबर से कंपोस्ट खाद बनाएंगे। इससे निगम एक पंथ तीन काज़ करेगा। फूलों के पौधों से उठने वाली दुर्गंध से शहर मुक्त होगा, यमुना नदी प्रदूषण मुक्त होने से बचेगी साथ ही खेती में रासायनिक खाद भी का उपभोग कम होगा। इस प्रोजेक्ट की लागत लगभग 16 लाख रुपए आई है। जिस का खर्चा नगर निगम वहन करेगा।इस उद्घाटन अवसर पर महापौर के अलावा अपर नगर आयुक्त विजय कुमार, क्षेत्रीय पार्षद बंटी माहौर, पार्षद शरद चौहान आदि लोग मौजूद रहे।

 

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