दिव्यांग पति को महिला ऐसे ले गई सीएमओ ऑफिस, जानें क्या है मामला

संक्षेप:

  • मथुरा में सरकारी सिस्टम की लापरवाही का एक और मामला
  • एक महिला को पति का विकलांग प्रमाणपत्र बनवाने के लिए खूब चक्कर लगावाया गया।
  • महिला को विकलांग प्रमाणपत्र दे दिया गया है

एक पत्नी के लिए पति की क्या अहमियत है। ये देखने को मिला मथुरा में। यहां  कलेक्ट्रेट पर एक महिला अपने पति को पीठ पर उठाकर सीएमओ ऑफिस ले जाती दिखी। मथुरा कलेक्ट्रेट पर दिव्यांग पति को पीठ पर उठाकर ले जाती यह महिला है मथुरा की रहने वाली विमला। विमला के पति ट्रक ड्राइवर थे। लेकिन कुछ महीने पहले उनके पैर की नस बन्द हो गयी। जिसकी वजह से डॉक्टरों को उनका एक पैर काटना पड़ा।  

यूपी के मथुरा में दिव्यांग सर्टिफिकेट बनवाने के लिए एक महिला को अपने दिव्यांग पति को अपने पीठ पर बैठाकर चीफ मेडिकल ऑफिसर के पास ले जाना पड़ा। उसने बताया कि मुझे इसलिए अपने पति को पीठ पर ढोकर लाना पड़ा क्योंकि हमें व्हीलचेयर या ट्राई साइकिल नहीं दिया गया। साथ ही उसने बताया कि हम कई अलग-अलग ऑफिस में गए।

वहीं मीडिया में खबर आने के बाद मथुरा के चीफ मेडिकल ऑफिसर (CMO) का दिमाग ठिकाने आ गया और तीन साल से भटक रहे दिव्यांग को विकलांगता का सर्टिफिकेट मिल गया. दरअसल, मंगलवार सुबह को एक महिला को अपने पीठ पर दिव्यांग पति को लादे हुए CMO ऑफिस के बाहर देखा गया. यह तस्वीर वायरल हो गई. चारों तरफ उत्तर प्रदेश में सरकारी बाबू के कामकाज के तरीके को लेकर सवाल उठने शुरू हो गए. मीडिया में यह खबर आग की तरह फैली. जैसे ही मीडिया ने मामले में संज्ञान लिया, मथुरा के CMO ने बदन सिंह को विकलांगता का सर्टिफिकेट जारी कर दिया।

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