आगरा के RBS कॉलेज में शुरू हुई एडमिशन प्रक्रिया, ये सीटों की स्थिति

संक्षेप:

  • राजा बलवंत सिंह महाविद्यालय में एडमिशन की प्रक्रिया शुरू
  • स्नातक में प्रवेश के लिए 200 रुपये में फॉर्म मिल रहा है
  • प्राचार्य डॉ. अनुपम गोयल ने बताया कि प्रवेश मेरिट के आधार पर लिया जाएगा

आगराः परिक्षा परिणाम आने के साथ ही कॉलेजों में एडमिशन भी शुरु हो गए हैं और छात्रों में एडमिशन लेने की होड़ लगनी शुरु हो गई है। बता दें, आगरा के राजा बलवंत सिंह महाविद्यालय में एडमिशन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। स्नातक में प्रवेश के लिए 200 रुपये में फॉर्म मिल रहा है। प्राचार्य डॉ. अनुपम गोयल ने बताया कि प्रवेश मेरिट के आधार पर लिया जाएगा। बीबीए और बीसीए में भी प्रवेश के लिए फॉर्म उपलब्ध हैं।

दरअसल कॉलेज में नौ संकाय हैं। इनमें कला, वाणिज्य, शिक्षा, विज्ञान, कृषि, इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी, फार्मेसी, वास्तुकला व टाउन योजना, प्रबंधन और कंप्यूटर अनुप्रयोग आदि हैं।

शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा नाम कॉलेज की स्थापना 1885 में अवागढ़ के राजा बलवंत सिंह ने की थी। 132 साल से कॉलेज शिक्षा प्रदान कर रहा है। शुरुआत में 20 छात्र थे, लेकिन आज ये संख्या हजारों में पहुंच चुकी है। 1940 में कॉलेज को बीएससी एग्रीकल्चर की मान्यता मिली। इसके बाद यहां पर बीकॉम, बीए, एमएससी पाठ्यक्रम की शुरुआत हुई। लगातार ये पाठयक्रम बढ़ते गए। 2014 में बायोटेक में एमएससी का पाठ्यक्रम शुरू हुआ। यहां से शिक्षा प्राप्त करने वाले करीब तीन दर्जन छात्र अलग-अलग विवि में कुलपति बन चुके हैं। कॉलेज में सीटों की स्थिति

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बीए- 630

बीकॉम- 210

बीएससी - 420

बीएससी कृषि- 140

बीसीए- 60

बीबीए - 90

ये हैं सुविधाएं

छात्र-छात्राओं के लिए स्मार्ट क्लास की शुरुआत की गई है। अत्याधुनिक प्रयोगशालाएं और कंप्यूटर लैब हैं। हॉकी, क्रिकेट, वालीबाल का मैदान है। कॉलेज में हर विभाग की पांच लाइब्रेरी हैं। इसमें हजारों किताब हैं। जवाहर लाइब्रेरी का उद्घाटन डॉ. संपूर्णानंद ने किया था। कॉलेज में वाई-फाई की सुविधा भी उपलब्ध है। छात्र-छात्राओं के लिए 2-2 हॉस्टल हैं। इसमें करीब 500 छात्र रह सकते हैं।

आ चुके हैं अमेरिका के राष्ट्रपति

वर्ष 1959 में अमेरिकी राष्ट्रपति आइजनहावर कॉलेज आ चुके हैं। इसके दो साल बाद अमेरिका के उप राष्ट्रपति भी आए थे। वर्तमान में नैक के डायरेक्टर डॉ. डीपी सिंह और इंडियन काउंसिल एग्रीकल्चरल रिसर्च के प्रेसीडेंट डॉ. ओपी गौतम भी यहीं के छात्र रहे हैं।

 

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