आगरा: शराब-तंबाकू लेने वालों पर वैक्सीन बेअसर, टीके के बाद भी हो जाएगा कोरोना

संक्षेप:

  • शराब पीने वालों पर वैक्सीन बेअसर
  • तंबाकू का सेवन भी कर रहा एंटीबॉडी बेकार
  • वैक्सीन लगने के बाद ऐसे लोगों में एंटीबॉडी सबसे कम बनी

 

आगरा । कोरोना संक्रमित या नहीं आपको एक बात सोचकर थोड़ा सुकून मिलता होगा कि आप वैक्सीनेशन के बाद इससे बच सकते हैं. परंतु जो लोग शराब-तंबाकू का सेवन करते हैं उनके लिए बुरी खबर है कि आप पर वैक्सीन का कोई असर नहीं होगा. जी हां, इनकी लत से कैंसर-लिवर की बीमारी का खतरा तो है ही, रोगों से लड़ने की क्षमता भी नहीं पनप रही है।

कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए बनी वैक्सीन भी इन पर बेअसर है। वैक्सीन लगने के बाद ऐसे लोगों में एंटीबॉडी सबसे कम बनी हैं। एसएन मेडिकल कॉलेज की 12 लोगों की रक्त की जांच में यह जानकारी सामने आई है। 

ब्लड बैंक प्रभारी डॉ. नीतू चौहान ने बताया कि लोगों में कोरोना वैक्सीन लगवाने के बाद एंटीबॉडी की जांच के लिए चरणबद्ध नमूने एमएमयू अलीगढ़ भेजे जा रहे हैं। इसमें रविवार को वैक्सीन की दोनों डोज लगवा चुके 40 से 70 साल की उम्र 12 लोगों की रिपोर्ट मिली है।

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इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के अनुसार 132 यूनिट/मिलीलीटर एंटीबॉडी होने चाहिए। रिपोर्ट में पांच लोगों में एंटीबॉडीज मानक से कम मिली। इनमें शराब, गुटका, सिगरेट, तंबाकू की आदत है। बीमार और स्टेरॉयड लेने वाले मरीज में तो नाममात्र की एंटीबॉडी मिली। बेहतर फिटनेस वालों में दोगुना एंटीबॉडी पाई गई हैं। 

स्टेरॉयड लेने वालों में...

सांस रोग या फिर स्टेरॉयड लेने वाले एक रोगी की एंटीबॉडी महज 5 यूनिट/मिलीलीटर मिली है। यह लंबे समय से बीमार है और दवा के तौर पर स्टेरॉयड ले रहे हैं। ऐसे मरीज की दोबारा संक्रमण होने की आशंका सबसे ज्यादा है।

शराब व तंबाकू का सेवन करने वालों में...

चार लोगों में एंटीबॉडी 100 यूनिट/मिलीलीटर से कम मिली। डॉक्टरों की पूछताछ में पाया कि यह दिन में पांच से सात पाउच तंबाकू के खा जाते हैं और शराब भी पीते हैं। खानपान और सोने का समय तय नहीं है। व्यायाम और योग भी कभी-कभार ही करते हैं।

वहीं, पौष्टिक आहार लेने वाले फिट लोगों में दोगुना एंटीबॉडी मिली है.

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