एससी-एसटी एक्ट के विरोध में भारत बंद: आगरा में डॉ. भीमराव आंबेडकर की मूर्ति तोड़ी

संक्षेप:

  • एससी-एसटी के विरोध में भारत बंद
  • आगरा में डॉ. भीमराव आंबेडकर की मूर्ति तोड़ी
  • गांव में फोर्स तैनात

आगरा: भारत बंद का असर दिखने लगा है. साथ ही अराजकतत्वों की अशांति फैलाने की कोशिश भी शुरू हो चुकी है. आगरा जिले के शमशाबाद ब्लाक में स्थित गांव नरीपुरा में डॉ भीमराव आंबेडकर की मूर्ति क्षतिग्रस्त कर दी गई.

एससी-एसटी के विरोध में भारत बंद से पहले आंबेडकर की मूर्ति क्षतिग्रस्त होने से कस्बे में तनाव बढ़ गया. सवर्ण और  पिछड़ा वर्ग के लोगों का कहना है कि भारत बंद में खलल डालने के लिए ऐसा किया गया है. आनन-फानन में गांव में फोर्स तैनात कर दी गई है, ताकि किसी तरह की कोई अप्रिय घटना न घटे. भारत बंद की वजह से प्रशासन और भी ज्यादा सावधानी बरत रहा है.

भारत बंद से पहले जिला मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर दूर शमसाबाद ब्लॉक के गांव नरीपुरा में गुरुवार सुबह डॉ. भीमराव अंबेडकर के क्षतिग्रस्त मूर्ति को देखकर के तनाव बढ़ गया. एससी-एसटी के विरोध में भारत बंद से पहले अंबेडकर की प्रतिमा क्षतिग्रस्त होने से पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे. गांव में भीड़ जमा हो गई.

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ग्रामीणों का कहना है कि देर रात करीब 2:30 बजे से 3 बजे के बीच बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर की मूर्ति को क्षतिग्रस्त किया गया है. पुलिस और प्रशासन से वार्ता हो गई है. वे नई मूर्ति मांगा रहे हैं. इधर भारत बंद को लेकर जिले में जगह-जगह सवर्ण और पिछड़ा वर्ग के लोग प्रदर्शन कर रहे हैं.

ग्राम प्रधान मोतीराम ने बताया कि देर रात करीब ढाई बजे ग्रामीणों ने  खटपट की आवाज सुनी थी. आशंका है कि उसी समय किसी ने बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर की मूर्ति को क्षतिग्रस्त किया है. सुबह जब लोगों की नजर क्षतिग्रस्त मूर्ति पर पड़ी तो भीड़ जमा हो गई. सूचना पर शमशाबाद थाना पुलिस आ गई. इसके साथ ही स्थानीय जिला प्रशासन के अधिकारी भी मौके पर आ गए. सभी ने वार्ता की और नई मूर्ति लगाने के लिए एक राय बन गई. इसके बाद जिला प्रशासन के स्थानीय अधिकारी बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर की नई मूर्ति लेने के लिए चले गए हैं.

इधर भारत बंद को लेकर पुलिस पहले से ही अलर्ट थी, लेकिन गांव नरीपुरा में डॉ. भीमराव आंबेडकर की मूर्ति क्षतिग्रस्त होने से पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के होश उड़ गए. डीएम और एसएसपी ने तत्काल स्थानीय पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए कि माहौल खराब नहीं होना चाहिए. बवाल और उपद्रव की आशंका के चलते गांव नरीपुरा में शमशाबाद इरादतनगर और अन्य थानों की पुलिस फोर्स पहुंच गई है.

आसपास के गांवों का लोगों का कहना है कि यह सब सवर्ण के भारत बंद में खलल डालने के लिए किया गया है. क्योंकि सवर्ण और पिछड़ा वर्ग के लोग एससी-एसटी एक्ट के विरोध में भारत बंद कर रहे हैं, इसलिए उनके विरोध प्रदर्शन को दूसरा रूप देने के लिए यह सब हुआ है. कुछ महीने पहले ही इसी साल मार्च-अप्रैल के महीने में प्रदेश भर में जगह-जगह अराजकतत्वों ने आंबेडकर प्रतिमा खंडित की थी. इससे देश भर में अशांति फैल गई थी. सबसे पहले त्रिपुरा, तमिलनाडु, बंगाल के बाद अब यूपी में इस तरह की घटनाएं जोर पकड़ने लगी हैं.

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