आगरा में 'मुर्दा' एंबुलेंस से अस्पताल पहुंचाए जा रहे हैं मरीज

संक्षेप:

  • मरीजों की सौदेबाजी के लिए `मुर्दा` एंबुलेंस का किया जा रहा इस्तेमाल
  • ये एंबुलेंस सड़क पर नहीं चलनी चाहिए
  • मगर, इन एंबुलेंस में मरीजों को अस्पताल पहुंचाया जा रहा है

आगराः मरीजों की सौदेबाजी के लिए `मुर्दा` एंबुलेंस (फिटनेस एक्सपायर) का इस्तेमाल किया जा रहा है। ये एंबुलेंस सड़क पर नहीं चलनी चाहिए। मगर, इन एंबुलेंस में मरीजों को लिटाकर हॉस्पिटल में भर्ती कराया जा रहा है। दैनिक जागरण द्वारा एंबुलेंस से मरीजों की सौदेबाजी के खिलाफ चलाए अभियान के बाद हरकत में आए परिवहन विभाग ने चेकिंग अभियान चलाया। अवैध रूप से चल रहीं छह एंबुलेंस सीज की।

मरीजों की जान बचाने के लिए चल रहीं एंबुलेंस में जान जाने का खतरा है। पुरानी वैन में स्ट्रेचर फिट कराकर और बिना फिटनेस के एंबुलेंस चलाई जा रही हैं। इसके खिलाफ जागरण के अभियान के बाद मंगलवार से परिवहन विभाग द्वारा एंबुलेंस की चेकिंग कराई जा रही है। अनिल कुमार, आरटीओ (प्रवर्तन) ने बताया कि भगवान टॉकीज सहित शहर के अलग-अलग हिस्सों में एंबुलेंस की चेकिंग कराई गई।

छह एंबुलेंस सील की गई हैं, इन एंबुलेंस की फिटनेस एक्सपायर हो गई थी, ये सड़क पर चलने के लिए फिट नहीं हैं। साथ ही ड्राइवर पर लाइसेंस नहीं था। एंबुलेंस के खिलाफ अभियान और तेज किया जाएगा। झोलाछाप हॉस्पिटलों में फीरोजाबाद, शिकोहाबाद, सिरसागंज, मैनपुरी, भरतपुर, मथुरा से एंबुलेंस आ रही हैं। एंबुलेंस चालक मरीजों को हॉस्पिटल में भर्ती कराने के लिए हॉस्पिटल संचालकों से सौदेबाजी करते हैं।

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मरीज भर्ती कराने पर एंबुलेंस चालक को 10 से 15 हजार रुपये दिए जाते हैं। परिवहन विभाग की तीन टीमें शहर के एंट्री प्वाइंट पर लगाई गई हैं, ये टीमें शहर में आने वाली एंबुलेंस की जांच करेंगी। शहर में हर रोज 500 से ज्यादा एंबुलेंस आ रही हैं, इन एंबुलेंस से हॉस्पिटल में मरीजों की खरीद फरोख्त की जा रही है।

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