“अगर यमुना की रक्षा नहीं हो सकती तो हमें दी जाए मरने की इजाजत”

संक्षेप:

  • एक संगठन ने राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन में यमुना नदी की दुर्दशा पर चिंता जताई
  •  `यमुना की रक्षा नहीं हो सकती तो उन्हें मरने की इजाजत दी जाए`
  • नदी जोड़ो अभियान के कार्यकर्ताओं ने आगरा संभागीय आयुक्त को ज्ञापन सौंपा

यमुना नदी की सफाई को लेकर तमाम वादे तो किए जाते हैं लेकिन उन वादों को पूरा करने की कोशिश तक नहीं कि जाती। अब यमुना नदी की सफाई को लेकर नदी संरक्षकों के आगरा में बने एक संगठन ने राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन में यमुना नदी की दुर्दशा पर चिंता जताई है। दरअसल उन्होंने ज्ञापन में कहा है कि अगर यमुना की रक्षा नहीं हो सकती तो उन्हें मरने की इजाजत दी जाए। वहीं नदी जोड़ो अभियान के कार्यकर्ताओं ने आगरा संभागीय आयुक्त को ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि लोकतांत्रिक माध्यमों से सक्रियता दिखाने और आवाज उठाने से वांछित परिणाम नहीं मिले। हमारी यमुना के हमारे सामने खत्म होने के बावजूद हम अभी भी असहाय पीड़ित और तमाशबीन बने हुए हैं। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि हमने बहुत इंतजार कर लिया और जब कोई परिणाम नहीं निकला है तो हमारे जीने का कोई मतलब नहीं।

इसके साथ ही नदी जोड़ो अभियान के कार्यकर्ता पंडित ओमकार भारद्वाज ने कहा कि वे अपनी मां यमुना का दर्द और नहीं देख सकते, इसलिए वो अब जीना नहीं चाहते। उन्होंने कहा कि यमुना को बचाने के लिए कई वादे किए जाने के बावजूद नदी एक गंदा नाला ही बनी हुई है, जिससे लाखों लोगों का जीवन संकट में है। कार्यकर्ताओं का कहना है की अगर यमुना जीवित नहीं बची तो हम जीवित कैसे बचेंगे और ताजमहल कैसे सुरक्षित बचेगा। उन्होंने प्रश्न किया कि उन्हें अपना जीवन समाप्त करने की अनुमति कब तब मिलेगी? यह एक गंभीर मामला है और हम गंभीरता से अपनी मांग पूरी होने का इंतजार करेंगे।

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