भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय ने साल 2005 में बीएड की फर्जी डिग्री देने पर कार्य परिषद की बैठक में फैसला लिया है
आगरा के डॉ. विश्वविद्यालय की ओर से बीएड की फर्जी डिग्री पर ये बड़ा फैसला माना जा रहा है. विश्वविद्यालय बीएड-2005 के फर्जीवाड़े में कार्रवाई करते हुए फर्जी डिग्री को निरस्त करेगा. यानी ये डिग्रियां अब मान्य नहीं होगी. बैठक में डिग्री निरस्त करने पर मुहर लगा दी गई है. अब विश्वविद्यालय की तरफ से डिग्री निरस्त करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. जो शिक्षक प्रदेश के परिषदीय स्कूलों में इस फर्जी डिग्री के आधार पर नौकरी कर रहे हैं, उनकी नौकरी जाना तय है. डिग्री निरस्त करने का फैसला विश्वविद्यालय की जिस कार्य परिषद बैठक में लिया गया वह कुलपति डॉ. अरविंद कुमार दीक्षित की अध्यक्षता में हुई. कार्य परिषद के सदस्यों ने ये फैसला एसआईटी की रिपोर्ट के आधार पर लिया. फैसले के लिए सबसे पहले एसआईटी से सूची मांगी जाएगी. दरअसल एसआईटी की ओर से फर्जीवाड़े की जांच के बाद विश्वविद्यालय को सौंपी गई सूची और प्रदेश के अपर मुख्य सचिव राजस्व एवं बेसिक शिक्षा की सूची में अंतर था. लिस्ट मिलने के बाद जिन अभ्यर्थियों का पता विश्वविद्यालय के पास होगा, उन्हें डाक से सूचना दी जाएगी.एसआईटी की लिस्ट को वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा. सूची में जिस डिग्री धारकों का नाम होगा, उन्हें 15 दिन का समय दिया जाएगा. इसके बाद डिग्री निरस्त करने की प्रक्रिया अमल में लाई जाएगी. ये भी पढ़ें- UP Police: 49568 कांस्टेबल भर्ती के लिए DV, PST का शेड्यूल जारी, करें चेक 8 दिसंबर को CTET एग्जाम देने वाले कैंडीडेट्स के लिए बेहद जरूरी नियम।
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