आगरा के धर्मेन्द्र चौधरी बने लोगों के लिए मिसाल, किए ये बड़े काम

संक्षेप:

  • गांव वालों को किया पढ़ाई के लिए किया जागरूक
  • क्षेत्र में और समाज के लोगों की मदद के लिए जुटे
  • ग्रामीण लोग को दी गई सरकारी योजनों की जानकारी

आगरा- हर कोई चाहता है कि पड़ लिख कर एक अच्छा केरियर बनाये और अपने जीवन को सफल बनाए। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी है जो अपने कैरियर शौक सुविधायों को छोड़ कर समाज के लिए कुछ करने की सोचते है। एक ऐसे ही व्यक्ति है धर्मेन्द्र चौधरी जिन्होंने समाज में कुछ करने की सोच के साथ अपनी नोकरी छोड़ दी। अपने क्षेत्र में और समाज के लोगों की मदद के लिए जुट गए।

दरसअल धर्मेन्द्र चौधरी की उम्र 34 साल है और इनको समाज से जुड़ने का मन शुरू से ही था और खास तौर से ये ग्रामीण समाज में विकास को देखना इनका इच्छा थी। तो इन्होंने अपना रुख ग्रामीण क्षेत्र में कर लिया और अपने गांव पहुंच गए। हलाकि आगरा के शहरी क्षेत्र में खुद का एक अच्छा खासा मकान है पर गांव का विकास उनकी नजर में पहले है तो गांव की ज़रूरत की आवाज उठाना शुरू कर दी। गांव के एक सरकारी स्कुल की स्थिती सही नहीं थी स्कुल में गंदगी थी पानी की व्यवस्था नहीं थी। इस समस्या को लेकर धर्मेन्द्र चौधरी जुट गए और मेहनात भी रंग लाई स्कूल की सफाई भी हुई और पानी का इंतजाम भी किया गया।

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सरकार की योजनाएं समय-समय पर आती है पर ग्रामीण लोग को उन योजनों की जानकारी नहीं हो पाती है। तो लोगों को सरकार की इन योजनायों से लोगों की अवगत करने का जिम्मा भी उठाया और सरकार की आने वाली कर योजना की जानकारी क्षेत्र में घूम घूम कर लोगों को देनी शुरू की। कोई परेशानी होने पर उनकी मदद भी की अपना अधिक से अधिक समय गांव के लोग में देना शुरू कर दिया।

उनकी इस लगन को देख कर लोगों ने प्रधान पद का चुनाव लड़ने के लिए धर्मेन्द्र चौधरी को कहा तो उन्होंने चुनाव भी लड़ा और ग्रामीणों के प्यार ने और विश्वास ने उनको जिताया भी। अपनी इसी लगन की वजह से प्रधान एसोसिएशन के आज अध्यक्ष भी है। प्रधान होने के बाद उन्होंने और लगन से काम करना शुरू कर दिया। सबसे अधिक उन्होंने जोर दिया तो ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों की पढ़ाई पर जो परिवार अपने बच्चों को स्कुल पढ़ने नहीं भेजते थे उनके घर जा कर उनको समझा बुझा कर बच्चों को पढ़ाने के लिए भेजता था।

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