इस सरकारी स्कूल के बच्चों की पढ़ाई का बदला पैटर्न, बोल रहे हैं अंग्रेजी

संक्षेप:

  • स्कूलों के छात्र अंग्रेजी में व्हाट इज योर नेम, माय नेम इज बोलना सीख रहे
  • कलाल खेरिया और कुआं खेड़ा के विद्यालयों में नजर आ रहा है ये बदलाव
  • इन विद्यालयों में यूपी बोर्ड की जगह सीबीएसई बोर्ड के पैटर्न पर ही पढ़ाई होगी

आगरा- यूपी सरकार के तमाम प्राथमिक और बेसिक विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र हिंदी में शिक्षा ग्रहण करते हैं। लेकिन अब इन स्कूलों के छात्र अंग्रेजी में व्हाट इज योर नेम, माय नेम इज, माय फादर नेम इज, माय मदर नेम इज़, बोलते हुए नजर आ रहे हैं। दरअसल यूपी सरकार के बेसिक और प्राथमिक विद्यालयों में यह बदलाव कलाल खेरिया और कुआं खेड़ा के विद्यालयों में नजर आ रहा है। इन विद्यालयों में यूपी बोर्ड की जगह सीबीएसई बोर्ड के पैटर्न पर ही पढ़ाई होगी। एक अप्रैल से शुरू हुए नए सत्र के साथ ही इन स्कूलों में अंग्रेजी शिक्षा में दक्ष अध्यापक बच्चों को सीबीएसई पैटर्न पर शिक्षा दे रहे हैं।  वहीं जब NYOOOZ ने इन प्राथमिक स्कूलों में दौरा किया तो वहां पर उपस्थित अध्यापक हर बच्चे को अंग्रेजी भाषा के बारे में समझाते हुए नजर आए। पहले यह छात्र हिंदी में शिक्षा ग्रहण कर रहे थे लेकिन अब इन्हें अंग्रेजी में शिक्षा दी जा रही है। इस दौरान कुछ दिक्कतें छात्रों को भी हो रही है।

इसके अलावा अध्यापकों से बातचीत हुई तो अध्यापकों ने बताया कि आगरा जिले के तमाम कान्वेंट स्कूलों में अत्याधिक फीस होने के कारण गरीब तबका अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा उपलब्ध नहीं करा पाता था इसलिए सरकार की ओर से उत्तर प्रदेश के तमाम बेसिक और प्राथमिक विद्यालय को कॉन्वेंट में तब्दील कर दिया है। जिसमें आगरा के कुछ स्कूलों को भी शामिल किया गया है। अंग्रेजी में शिक्षा ग्रहण कर रहे छात्र भी काफी उत्साहित नजर आ रहे थे। छात्र छात्रों में रुचि दिख रही थी और हर छात्र इंग्लिश में बात करने का प्रयास कर रहा था। अध्यापकों का कहना था कि हिंदी से इंग्लिश में जो बदलाव हुआ है उसे बच्चे पसंद कर रहे हैं। पहले बच्चों को अंग्रेजी में पढ़ाया जाता था लेकिन उसे हिंदी में समझाया जाता था। अब कान्वेंट हो जाने के कारण पूरी तरीके से बच्चे को इंग्लिश में पढ़ाया जा रहा है और इंग्लिश में ही समझाने का प्रयास किया जा रहा है।

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