फिरोजाबादः ‘विकास’ से कोसों दूर है गलामई

संक्षेप:

  • गांव गलामाई में लोग जलनिकासी न होने से परेशान
  • लोग गंदगी में रहने को मजबूर
  • स्वच्छ पेयजल की भी कोई व्यवस्था नहीं

फिरोजाबाद: सरकार चाहे बीजेपी की हो यह समाजवादी पार्टी की सभी पार्टियां विकास का दामन पकड़कर चुनाव में दावे करती हैं लेकिन सत्ता हासिल होने के बाद सारे दावे खोखले साबित होते नज़र आते हैं। गलामई इसका जीता जागता उदाहरण हैं जहां से विकास कोसों दूर हैं।

शिकोहाबाद तहसील क्षेत्र के गांव गलामई के हालात काफी दयनीय हैं। यहां प्रधानमंत्री योजना के द्वारा शौचालय तो बनाए गए हैं लेकिन जल निकासी की कोई उचित व्यवस्था नहीं है। स्थानीय लोगों के मुताबिक कभी-कभी तो हालात ऐसे बन जाते हैं कि घरों का दूषित पानी गलियों में भर जाता हैं जिससे बीमारी फैलने की आशंका और ज्यादा बढ़ जाती है। NYOOOZ के एक पाठक ने बताया कि ग्रामीणों ने कई बार इस समस्या की शिकायत की, लेकिन न तो ग्राम प्रधान ने इस ओर कोई ध्यान है और न ही सचिव स्तर पर कोई ठोस कार्रवाई की जा रही है।

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ग्रामीणों का कहना कि “गलामई गांव में घरों का गंदा पानी निकालने के लिए नालियां बनाई गई, लेकिन नाली साफ न होने से वहां पानी जमा हो जाता है जिससे गांव की गलियां भी नालियों में तबदील हो जाती है और होने वाली बदबू से स्थानीय लोग परेशान हैं। बच्चों को स्कूल में जाने में भी काफी परेशानी होती है।”

तहसील मुख्यालय से महज 5 किमी दूर होने के बावजूद गांव गलामई एक नहीं अनेकों समस्याओं से जूझ रहा है। गांव में सरकारी नल लगे हुए है लेकिन अब उनमें पानी नहीं आता और जिसमें पानी आता है वो पीने योग्य नहीं होता। सड़क टूटी हुई है जिससे लोगों को आने-जाने में काफी समस्या होती है।

लगभग 1500 वोटर और 3000 की आबादी वाले इस गांव को हराभरा रखने के भी कोई अथक प्रयास नहीं किए गए। गांव का तालाब भी सूख चुका है जो कूड़ा घर बना चुका हैं। यहां तक की सड़कों पर भी कूड़ा पड़ा रहता है जिसकी उचित व्यव्स्था नहीं है।

सरकार की इस लापरवाही का खामियाजा आमजन को भुगतना पड़ा रहा है। लगातार बढ़ती बीमारी से लोग परेशान हैं और स्वच्छ पेयजल के लिए तरस रहे हैं।

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