चंबल हुई बेकाबू, बाढ़ के कारण 14 गांवों से संपर्क टूटा

संक्षेप:

  • लगातार बारिश ने चंबल में आया ऊफान
  • आगरा के 14 गांवों से टूटा संपर्क
  • हर घंटे बढ़ रहा है एक फिट जलस्तर

आगरा- मध्यप्रदेश, राजस्थान में लगातार हो रही बारिश और काली सिंध से छोडे गये पानी के चलते उफनाई चंबल नदी बुधवार को बाह में चंबल का पानी बेकाबू हो गया। नदी खतरे के निशान 130 को पार कर 134 मीटर पर बह रही है। इससे मऊ की मढै़या, गोहरा, रानीपुरा, भटपुरा, गुढ़ा, झरना पुरा, पुरा शिवलाल, पुरा डाल, उमरैठा पुरा, कछियारा, रेहा, डगोरा, भगवान पुरा, क्योरीपुरा का तहसील मुख्यालय से संपर्क टूट गया। उमरैठापुरा के घरों तक पानी भरने से इस गांव को खाली करा दिया गया है। 75 परिवारों ने बीहड़ के टीले अथवा दूसरे गांवों में शरण ली है।

एसडीएम बाह अब्दुल बासित ने बताया कि डीएम के माध्यम से एनडीआरएफ की मांग की गई है। इधर, बुधवार को कछार के गांवों और घरों में पानी घुसने लगा। इस पर दिनभर प्रशासन की टीमें चंबल किनारे के निचले इलाकों को खाली कराने में जुटी रहीं। उमरैठा पुरा गांव को खाली करा दिया गया है। गांव के भजन सिंह, हेत सिंह, तहसीलदार, कप्तान, लटूरी, रघुवीर आदि 75 परिवारों ने या तो अपने रिश्तेदारों के यहां या फिर बीहड़ के टीले पर अपना ठिकाना बनाया है। 

बुधवार को प्रति घंटे एक  फीट की दर से बढ़ रही चंबल लाल निशान पार कर 134 मीटर के स्तर को छू गई है। अनुमान है कि नदी दो साल पहले के 136.20 मीटर के स्तर तक पहुंच जाएगी। इससे कछार के 38 गांवों में हड़कंप मचा हुआ है। हाई अलर्ट के साथ बाह के एसडीएम अब्दुल बासित तहसीलदार राजू कुमार प्रभावित इलाकों का जायजा लेने के लिए दिनभर दौड़ते रहे।  

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चंबल में बाढ़ से परिषदीय स्कूल भी नहीं बच सके हैं। रानीपुरा, उमरैठा पुरा के प्राइमरी स्कूल के भवन जलमग्न हो गए हैं। गोहरा के प्राथमिक, उच्च प्राथमिक विद्यालय भी  डूब गए हैं। झरना पुरा के प्राइमरी स्कूल के प्रवेश द्वार तक पानी भरा हुआ है। डूबे स्कूलों में हुए नुकसान की जानकारी पानी हटने के बाद ही हो सकेगी।  

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