निपाह वायरस का सबसे बड़ा खतरा भारत को, बैन हुए ये 3 फल और सब्जियां

संक्षेप:

  • निपाह वायरस से जहां अब तक 14 मौत हो चुकी हैं
  • केरल से फलों और सब्जियों को भी बैन कर दिया गया है
  • निपाह वायरस के चलते ही कुछ फलों को पूरी तरह से बैन कर दिया है

केरल से निकले निपाह वायरस का खौफ अब धीरे-धीरे देश के अलग-अलग हिस्सों में लोगों के अंदर डर बनाता जा रहा है। जिसको ध्यान में रखते हुए स्वास्थय विभाग ने अलर्ट जारी किया है। जहां एक तरफ केरल में निपाह वायरस का खतरा टलने का नाम नहीं ले रहा है। वहीं दूसरी तरफ भारत के लिए भी ये खतरा बनता जा रहा है। बता दें निपाह वायरस से जहां अब तक 14 मौत हो चुकी हैं। वहीं, केरल से फलों और सब्जियों को भी बैन कर दिया गया है।

दरअसल निपाह वायरस के चलते ही कुछ फलों को पूरी तरह से बैन कर दिया है। इससे भारत के एक्सपोर्ट पर सबसे बड़ा खतरा मंडरा रहा है। वहीं दूसरी ओर WHO का दावा है कि यह वायरस चमगादड़ की लार, यूरीन और मलमूत्र से फैलता है। खासकर उन फलों के जरिए जो चमगादड़ अक्सर पेड़ पर चखते हैं। विशेष रूप से यह ग्रेटर इंडियन फ्रूट बैट हैं, जो दक्षिण एशिया में प्रचुर मात्रा में हैं, जिसमें निपाह वायरस होता है। चेतावनी जारी होने के बाद दूसरे देश भी निपाह वायरस को लेकर अलर्ट हो गए हैं।

इन फलों को किया बैन
सूत्रों के मुताबिक निपाह वायरस के खतरे को देखते हुए यूनाइटेड अरब एमिरेट्स (यूएई) और बेहरीन ने केरल से एक्सपोर्ट होने वाले फलों और सब्जियों को बैन कर दिया है। दोनों देशों ने केंद्र सरकार को इस बाबत सूचना दी है। निपाह वायरस का खतरा बताते हुए जिन फलों को बैन किया गया उनमें केला, आम, अंगूर हैं। इसके अलावा खजूर के एक्सपोर्ट पर भी रोक है। इसके अलावा सब्जियां भी बैन की गई हैं।  निपाह वायरस की वजह से एक्सपोर्ट पर होने वाले नुकसान पर वाणिज्य मंत्रालय नजर रख रहा है। वाणिज्य मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक, अगर हालात नहीं सुधरते तो एजेंसियों को इससे निपटने के लिए कहना होगा।

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वहीं एग्रीकल्चर और प्रोसेस्ड फूड प्रोडक्ट एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी (APEDA) के मुताबिक, पिछले साल भारत से कुल 4448.08 करोड़ के फल एक्सपोर्ट किए गए थे। इसमें ज्यादातर आम, अंगूर, केला और अनार शामिल हैं। भारत सबसे बड़ा केले का उत्पादक देश है, यहां 26.04% केला पैदा होता है। वहीं, 44.51% पपीता और 40.75% आम पैदा होता है। 

केरल में निपाह वायरस के चलते हुई मौत कोई पहली घटना नहीं है. इससे पहले भी दो बार पश्चिम बंगाल में निपाह वायरस का अटैक हो चुका है। 2001 में सिलीगुड़ी में निपाह वायरस का खतरा मंडराया था. वहीं, 2007 में नादिया में निपाह वायरस का अटैक हुआ था. इस बार यह देश के दक्षिण राज्य में पहुंचा है. जहां कोझीकोड़ में एक ही परिवार के लोगों में यह पाया गया।

 

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