Hanuman Jayanti 2018: इस विधि से करें हनुमान की पूजा

संक्षेप:

  • भगवान शंकर के 11 वें रुद्रावतार
  • घी में चुटकी भर स‌िंदूर म‌िलाकर हनुमान जी को लगाएं लेप
  • इससे शनि और राहू का दोष समाप्त होता है

हनुमान जयंती- चैत्र शुक्ल पूर्णिमा के दिन भगवान हनुमान ने शिव के 11वें अवतार के रूप में धरती पर जन्म लिया था। इसलिए इस दिन को हनुमान जयंती के रूप में सेलिब्रेट किया जाता है। इस साल देशभर में 31 मार्च को हनुमान जंयती मनाई जा रही है। शास्त्रों के मुताबिक हनुमान जी की पूजा करने से राहु और शनि दोष खत्म हो जाते हैं। पवनपुत्र हनुमान जी भगवान श्रीराम के सबसे बड़े भक्त हैं। हनुमान जी को सभी देवों में सबसे जल्दी प्रसन्न होने वाला माना जाता है।

पूजा शुभ मुहूर्त- पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 30 मार्च, 2018 को शाम 7 बजकर 35 मिनट से 31 मार्च शाम 6 बजकर 6 मिनट तक रहेगी।

पूजा सामग्री- एक चौकी, एक लाल कपड़ा, भगवान राम की फोटो, अक्षत, तुलसी, धूप, घी से भरा एक दीया, फूल, चंदन या रोली, गंगाजल, नैवेद्य यानी गुड और भुने चने।

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भगवान शंकर के 11 वें रुद्रावतार

हनुमान जी की पूजा से सर्वग्रहों की पीड़ा शांत होती है। यह वरदान उनको भगवान शंकर से प्राप्त हुआ है। वह भगवान शंकर के 11 वें रुद्रावतार हैं। वह रुद्र भी हैं और भोले भी। जिस भाव से उनको भजा जाता है, वह उसी शक्ति में आते हैं। उनकी पूजा अग्नितत्व है। वायु तत्व है। सूर्य को सेब समझकर मुंह में रख लिया। इंद्र ने वार किया तो ठोड़ी पर लगा। संस्कृत में ठोड़ी को हनु कहते हैं। बस, नाम पड़ गया हनुमान।

इसलिए, चढ़ता है सिंदूर

हनुमान जी ने एक बार सीता जी से पूछा कि आप सिंदूर क्यों लगाती हैं ? सीता जी ने जवाब दिया कि राम की दीर्घायु के लिए। बस, रामभक्त हनुमान जी ने अपने पूरे शरीर पर ही सिंदूर लगा लिया। हनुमान जी के जन्मद‌िन के मौके पर रात्रि के समय हनुमान जी की पूजा करने से हनुमान जी की कृपा प्राप्त होती है। हनुमानजी के जन्मदिन पर घी में चुटकी भर स‌िंदूर म‌िलाकर हनुमान जी को लेप लगाएं। इससे शनि और राहू का दोष समाप्त होता है।

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