गृह मंत्री राजनाथ सिंह बोले- जाति-मजहब में बांटकर देश को नहीं बनाया जा सकता

संक्षेप:

  • भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के 84वें दीक्षांत समारोह में पहुंचे गृहमंत्री
  • बोले- देश को जाति-मजहब में बांटकर नहीं बनाया जा सकता
  • ज्ञान से ज्यादा महत्व संस्कार और दीक्षा का होता है: राजनाथ सिंह

आगरा: आगरा के  डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के 84वें दीक्षांत समारोह में कुलाधिपति राम नाईक और गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने मेधावी और को मेडल और डिग्री प्रदान की.

पहले दीक्षा शोभायात्रा निकाली गई, जिसमें दोनों ही मुख्य अतिथि शामिल हुए. गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत की ताकत भारत में है, न कि बाहर है. देश को जाति, मजहब पर बांटकर नहीं बनाया जा सकता है.

इस मौके पर गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने बच्चों को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि अपना मन बड़ा रखें. ज्ञान ही जीवन में सब कुछ नहीं होता, ज्ञान से ज्यादा महत्व संस्कार और दीक्षा का होता है. ज्ञान के साथ संस्कार व्यक्तित्व का विकास करता है. जब कहीं दीक्षांत समारोह में जाता हूं तो बच्चों को यही समझता हूं. सबकी इच्छा बढ़िया नौकरी वेतन शानदार पैकेज मिले. जीवन में यही सब कुछ नहीं. वर्ल्ड ट्रेड सेंटर का एक व्यक्ति पढ़ा लिखा, उसने खुद मौत के अंधेरे में डाला और हजारों को मौत की नींद सुला दिया.

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गृहमंत्री ने कहा कि सब कुछ होते हुए उसने ये किया, क्योंकि उसका मनोविचार ठीक नहीं था.  विचार अच्छे नहीं तो परिणाम घातक होंगे. मनुष्य के जीवन में विचारों का महत्व बताते हुए एक लेखक का लेख बताया. ऐन्फ़ोसिस और अलकायदा में समानताएं बताईं कि नवयुवक दोनों जगह हैं. दोनों मिशन बनाकर काम करते हैं. दोनों का ग्लोबल नेटवर्क है. इनफॉर्मेशन भारत का मस्तक ऊंचा कर रहे हैं. एक की भूमिका अच्छी पर दूसरे की खतरनाक है. भाषण में अच्छे शब्दों पर बहुत बच्चे जो पश्चिमी सभ्यता में पीला हैं वो हिप्नोटाइज हो जाते हैं.सब बच्चे अपने मनोभाव को ठीक रखने का प्रयत्न करें बुद्धि पर भरोसा रखिये.

गृहमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि भारत की ताकत दुनिया के दूसरे देशों में नहीं रहती वो भारत में है, और भारतीयता और सांस्कृतिक एकता में है. हिंदी और दूसरी भाषाओं को विदेश में बोलने से डरते थे पर पीएम को बधाई जो डंके की चोट पर हिंदी बोलते हैं. गौरव होना चाहिए हिंदी बोलने में. कोई विद्वान आकर बहस कर ले जो ज्ञान विज्ञान हमारे पास है वो किसी देश में नहीं है. यह अध्ययन किया है, इसलिए बोला हूं. इस धरती पर जो ज्ञान है वो गंगा के किनारे हैं. 

डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के 84वें दीक्षांत समारोह में 125 मेडल दिए गए, जिसमें 90 गोल्ड मेडल हैं. सर्वाधिक गोल्ड मेडल मेडिकल की स्टूडेंट अवर्णा अग्रवाल को 13 मेडल दिए गए.  इसके साथ ही अवर्णा को एक सिल्वर मेडल भी मिला. यह दीक्षांत समारोह गोल्डन है. समारोह में 219 डिग्री दी जाएंगी.

डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के खंदारी परिसर में स्थित अन्नपूर्णा क्षेत्र कैंटीन का उद्घाटन गृहमंत्री राजनाथ सिंह और राज्यपाल राम नाईक ने किया. अन्नपूर्णा क्षेत्र कैंटीन को विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. अरविंद कुमार दीक्षित ने कहा कि इसे समाज के लोगों के सहयोग से तैयार कराया है. इस कैंटीन क्षेत्र को राजस्थानी हेरिटेज लुक और राजपूताना अंदाज में बनाया गया है, जिसमें महाराणा प्रताप और अकबर के हल्दीघाटी युद्ध की पेंटिंग के साथ ही अन्य राजस्थानी पेंटिंग बनाई गई है.

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