अभिनंदन जैसी ही है आगरा के सर्वजीत की कहानी, 1962 में चीन ने 10 महीने बंदी बनाए रखा था

संक्षेप:

  • 1962 की जंग में चीन ने सर्वजीत सिंह को 10 महीने तक बतौर युद्धबंदी कैद रखा
  • ल्हासा में चीन की सेना ने सर्वजीत सिंह को पकड़ लिया था
  • आगरा के रूद्रमुली गांव के हैं सर्वजीत सिंह

आगरा: पाकिस्तान ने इंडियन एयरफोर्स के विंग कमांडर अभिनंदन को 3 दिन तक कैद में रखा. शुक्रवार को उन्हें रिहा कर दिया गया. एक ऐसी ही कहानी आगरा के रुद्रमुली गांव के सर्वजीत सिंह की है. अभिनंदन की बहादुरी को सलाम करते हुए रुदमुली गांव के सर्वजीत का दर्द छलक पड़ा. क्योंकि सर्वजीत की कहानी भी अभिनंदन जैसी है. बता दें कि सर्वजीत भी चीन में युद्धबंदी थे.

विंग कमांडर अभिनंदन को करीब 56 घंटे बाद दबाव में आकर पाकिस्तान ने छोड़ दिया, लेकिन सर्वजीत चीन में 10 महीने तक कैद में रहे. उन्होंने बताया कि दुश्मन देश की सूचनाओं के लिए बंधक सैनिक को मौत सी यातनाएं दी जाती हैं. पर, सैनिक झुकते नहीं.

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1962 के चीन की जंग में सर्वजीत सिंह ल्हासा में चीन के पकड़ में आ गए थे

साल 1962 में चीन के मोर्चे पर अपने चचेरे भाई रघुवीर सिंह के साथ बहादुरी से लडे़ रुदमुली गांव के सर्वजीत सिंह ल्हासा चीन में बंधक बना लिए गए थे. जबकि रघुवीर सिंह शहीद हो गए थे. 10 महीने बाद सर्वजीत सिंह को चीन ने रिहा किया था.

सर्वजीत सिंह को जंगी अवार्ड भी मिला

सर्वजीत सिंह ने बताया कि बंधक होने के दौरान वे न टूटे और न झुके. 1971 में पाकिस्तान के खिलाफ वो जंग के मोर्चे पर भी गए थे. 1971 में भी बहादुरी से लडे़. उन्हें जंगी अवार्ड भी मिला. उन्होंने कहा कि अभिनंदन के दर्द को मुझसे बेहतर कौन समझेगा. सर्वजीत सिंह ने कहा कि चीन हो या पाकिस्तान। दुश्मन देश की सूचनाओं के लिए सैनिक को बेरहम यातनाएं देता है. मौत सा जीवन झेलने के बाद भी सैनिक कभी टूटता नहीं. देश भक्ति यातनाओं के दर्द पर भारी पड़ती है. अभिनंदन को दुश्मन झुका नहीं पाया. उसके जज्बे को सलाम और अभिनंदन.

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