भारत में डिजिटल और इंफ्रा क्षेत्र में 2.5 करोड़ नौकरियां !

संक्षेप:

  • डिजिटल क्षेत्र में सुनहरा भविष्य
  • लोगों को कुशल बनाने की जरूरत
  • 2.5 करोड़ रोजगार के अवसर पैदा किए जा सकेंगे

देश में नौकरियों को लेकर हर रोज बहस चल रही है। माना जा रहा है कि नौकरियों के मौके बीते सालों में काफी कम हुए हैं। लेकिन एक सेक्टर ऐसा भी है जहां नौकरियों के ढ़ेरों अवसर पैदा होने वाले हैं। सरकार डिजिटल इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर भविष्‍य में सबसे बेहतर क्षेत्र मान रही है। सरकार का मानना है कि अगले पांच से सात साल में 2.5 करोड़ नौकरियां पैदा होंगी। दूरसंचार सचिव अरुणा सुदंरराजन के मुताबिक इंटरनेट आफ थिंग्स अकेले एक से डेढ़ करोड़ रोजगार के अवसर पैदा करेगी।

ऐसे में डिजिटल ढांचागत क्षेत्र में अगले पांच से सात साल में 2.5 करोड़ रोजगार के अवसर पैदा किए जा सकेंगे।

अरुणा ने कहा कि हम अपने 90 प्रतिशत उपकरणों का विदेशों से आयात कर रहे हैं. हम अभी भी लाखों वाईफाई हॉटस्पॉट की जरूरत होगी. क्लाउड आधारित दूरसंचार सेवाओं में भी जरूरत है. कई स्टार्टअप्स इन सेवाओं का उपयोग कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि जहां तक नौकरियों का सवाल है, इसमें काफी संभावनाएं हैं. हमें इन नए क्षेत्रों में लोगों को कुशल बनाने की जरूरत है।

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गौरतलब है कि पिछले कुछ सालों में देश में नौकरियां कम हुई है। खासकर आईटी क्षेत्र में कई बड़ी कंपनियों ने कर्मचारियों की छंटनी की है। ऐसे में नौकरी तलाश कर रहे लोगों के लिए डिजिटल इंफ्रा सेक्टर एक उम्मीद लेकर आया है। वहीं स्पेक्ट्रम नीलामी पर बात करते हुए सुंदरराजन ने कहा कि यह भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) की सिफारिशों पर निर्भर करेगा। उन्होंने कहा, ट्राई ने विचार विमर्श की प्रक्रिया शुरू की है। देखते हैं वहां से क्या निकलकर आता है। कई बार वे विचार विमर्श तेजी से पूरा करते हैं। यह काम कई बार दो महीने में हो जाता है। यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि उन्हें उद्योग से क्या विचार मिलते हैं।

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