यहां लाखों या करोड़ों नहीं बल्कि 18 हजार में धूमधाम से होती है शादी

संक्षेप:

  • शादियों का अधिकतम बजट केवल 18 हजार रुपये है
  • कम खर्च करने के इच्छुक लोग नौ हजार रुपये में भी पूरी शादी कर सकते हैं
  • दयालबाग का विवाह समारोह समाज के लिए काफी बड़ी मिसाल हैं

आज की तारीख में छोटी से छोटी शादी में लगभग लाखों तक का खर्चा आ जाता है और खासकर तब जब महंगाई आम लोगों का दम घोट रही हो। इतना ही नहीं अगर किसी अभिजात्य वर्ग की शादी की बात करें तो बजट करोड़ों में पहुंच जाता है। मगर, दयालबाग में राधास्वामी सत्संग सभा द्वारा होने वाली शादियों का अधिकतम बजट केवल 18 हजार रुपये है। कम खर्च करने के इच्छुक लोग नौ हजार रुपये में भी पूरी शादी कर सकते हैं।

दरअसल दयालबाग का विवाह समारोह समाज के लिए काफी बड़ी मिसाल हैं। यहां की खास बात ये है की यहां शादी के नाम पर फिजूलखर्ची नहीं होती और पूरे रस्मों और रिवाज के साथ सादगी से विवाह समारोह संपन्न होता है। इसमें 100 लोगों का खाना भी शामिल होता है। शादी में सजावट, बैंड-बाजा आदि के नाम पर फिजूलखर्ची नहीं होती। पिछले दिनों यहा तेलंगाना के सीनियर आइएएस की बेटी की भी शादी हुई थी, इसमें वहां के राज्यपाल भी भाग लेने आए थे। वहीं इस पर दयालबाग मैरिज पंचायत के अध्यक्ष बीपी मिश्रा ने बताया कि उनके यहा पर मैरिज पंचायत के माध्यम से शादी होती है। रविवार को शादी समारोह होता है। एक दिन में तीन से लेकर छह जोड़ों की शादिया कराई जाती हैं। सुबह खेतों में सगाई होती है। इसके बाद हर जोड़े का अलग विवाह समारोह होता है। यहां होने वाली शादी में अधिकतम 100 लोग ही शामिल होते हैं। इसमें वधू पक्ष से 65 और वर पक्ष से 35 लोग आमंत्रित किए जाते हैं। शादी की पूरी व्यवस्था मैरिज पंचायत की ओर से की जाती है। इसके अलावा दावत में खाने की बात की जाए जोकि सबसे अहम होती है उसमें 100 लोगों के खाने का खर्चा केवल 1500 रुपये होता है। इस हिसाब से 15 रुपये प्रति प्लेट का खर्चा आता है है। खाने में पूड़ी-कचौड़ी, दो सब्जियां, सलाद, रायता और हलवा दिया जाता है।

आज जहा शादी में वर-वधू के कपड़े और मेकअप पर ही हजारों खर्च हो रहे हैं, वहीं दयालबाग में होने वाली शादी में वर-वधू सादा परिधान ही पहनते हैं। वर के लिए कुर्ता पजामा ओर वधू कुर्ता सलवार पहनती हैं। वरमाला भी सादा फूलों की होती है।

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