बुलेट ट्रेन के खिलाफ प्रदर्शनों पर सरकार चुप क्यों ?

संक्षेप:

  • बुलेट ट्रेन पीएम मोदी की महत्वाकांक्षी योजना है
  • बुलेट ट्रेन आदिवासी समाज के लोगों की जिंदगी उजाड़ देगी
  • महाराष्ट्र, दादरा नगर हवेली तथा गुजरात में बुलेट ट्रेन के खिलाफ प्रदर्शन

बुलेट ट्रेन : जिस वक्त अहमदाबाद में देश की पहली बुलेट ट्रेन की नींव रखी जा रही थी, उस वक्त महाराष्ट्र, दादरा नगर हवेली तथा गुजरात के कुछ हिस्सों में इसके ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन हो रहे थे।

बुलेट ट्रेन के रास्ते में पड़ने वाले आदिवासी इलाकों से विरोध के स्वर उठने शुरू हो गए हैं। इस परियोजना के ख़िलाफ़ महाराष्ट्र, दादरा नगर हवेली तथा गुजरात के आदिवासी समाज ने कई जगह विरोध प्रदर्शन किए। हालांकि केंद्र और किसी भी राज्य सरकार ने इन विरोध प्रदर्शनों पर फिलहाल कुछ नहीं कहा है।

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महाराष्ट्र, दादरा नगर हवेली तथा गुजरात के आदिवासी समाज के समर्थन में इन राज्यों के 24 अलग-अलग सामाजिक संगठन साथ आकर इस परियोजना का विरोध कर रहे हैं। दादरा नगर हवेली के रहने वाले आदिवासी एकता परिषद राष्ट्रीय समन्वयक प्रभु टोकिया कहते हैं कि यह परियोजना न सिर्फ आदिवासी बल्कि बाकी समाज के लोगों की भी जिंदगी उजाड़ देगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने को पूरा करने के लिए जहां इतनी तैयारियां हो रही हैं। वहीं, महाराष्ट्र के पालघर से लेकर गुजरात के वापी तक आदिवासी गांव इस योजना की चपेट में हैं। इससे आदिवासियों के विस्थापित होने का ख़तरा मंडरा रहा है।

 

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