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बिना कैश व्यापार! क्या है पर्ची सिस्टम और कैसे डिपेंड है जूता बिजनेस, आगरा में रामनाथ के यहां मिलीं 30 करोड़ की पर्चियां
- न्यूज़
- Wednesday | 22nd May, 2024
पारिवारिक आटा चक्की से करियर शुरू करने वाले रामनाथ का शू मैटेरियल की ट्रेडिंग से अधिक पर्ची भुनाने का काम था।
उनके यहां बरामद पर्चियां आयकर विभाग ने जब्त कर ली हैं।
इससे उन कारोबारियों में हड़कंप मंच गया है, जिनके द्वारा कारखाना संचालकों को जारी की गईं पर्चियों को रामनाथ ने भुनाया था। आयकर विभाग इनके आधार पर पर्चियां जारी करने वाले कारोबारियों के यहां जांच कर सकता है।
जीएसटी से इसके लिए कारोबारियों के रिटर्न का डेटा जुटाया जाएगा।
रिटर्न से पर्चियों का मिलान किया जाएगा, जिससे कारोबारियों के वास्तविक रिटर्न की जानकारी मिल सकेगी। ये भी पढ़ेंः IT Raid: आगरा में जूता कारोबारियों के घर मिला करोड़ों का खजाना, 81 घंटे... 100 अफसर और बरामद हुई अकूत दौलत क्या है पर्ची सिस्टम जूता कारोबार में ट्रेडिंग करने वाले कारोबारी छोटे जूता कारखाना संचालकों को तैयार माल के एवज में नकद या चेक से भुगतान करने के बजाय पर्ची बनाकर दे देते हैं।
पर्ची के भुगतान की अवधि तीन से सात माह तक होती है।
कारखाना संचालक अपनी जरूरत के अनुसार पर्ची को पर्ची भुनाने का काम करने वालों के यहां से भुना लेते हैं।
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