साढ़े चार साल की बच्ची को अगवा कर दुष्कर्म, कोर्ट ने सुनाई अंतिम सांस तक कारावास की सजा

संक्षेप:

  • जिले में पोक्सो कोर्ट ने साढ़े चार वर्ष की बच्ची को अगवा कर दुष्कर्म के मामले में अभियुक्त को अंतिम सांस तक आजीवन कारावास की सजा दी है
  • इस संबंध में पोक्सो कोर्ट के विशिष्ट न्यायाधीश राजेंद्र शर्मा ने फैसला सुनाया
  • विशिष्ट लोक अभियोजक योगेंद्र सिंह खटाना ने जानकारी देते हुए बताया कि इस संबंध में साढ़े चार वर्षीया पीड़िता के दादा ने 17 जुलाई 2017 को टहला थाने में एक मुकदमा दर्ज करवाया था

जिले में पोक्सो कोर्ट ने साढ़े चार वर्ष की बच्ची को अगवा कर दुष्कर्म के मामले में अभियुक्त को अंतिम सांस तक आजीवन कारावास की सजा दी है। इस संबंध में पोक्सो कोर्ट के विशिष्ट न्यायाधीश राजेंद्र शर्मा ने फैसला सुनाया। विशिष्ट लोक अभियोजक योगेंद्र सिंह खटाना ने जानकारी देते हुए बताया कि इस संबंध में साढ़े चार वर्षीया पीड़िता के दादा ने 17 जुलाई 2017 को टहला थाने में एक मुकदमा दर्ज करवाया था।

जिसमें बताया कि टहला निवासी आरोपी मनीष कोली उनकी नाबालिग पौती को उठाकर ले गया। वहां रेतीले टीलों में दुष्कर्म किया। इसके बाद आरोपी मनीष कोली वहां से भाग निकला। इसके बाद वहां मौजूद महिला की नजर बच्ची पर पड़ी। जिसने बच्ची को संभाला। वह उसे घर लेकर आई।

आसपास के लोगों को सूचना दी। तब परिजनों ने पुलिस को सूचना दी। मामले में पड़ताल कर टहला थाना पुलिस ने आरोपी मनीष कोली को गिरफ्तार कर लिया। उसके खिलाफ कोर्ट में चालान पेश कर दिया। जिसमें विशिष्ट न्यायाधीश पोक्सो क्रम संख्या 3 की कोर्ट में सूनवाई पूरी हुई।

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जिसमें अभियोजन पक्ष की ओर से सरकारी वकील ने 18 गवाह पूरे करवाए। जिसमें विशिष्ट न्यायाधीश राजेंद्र शर्मा ने फैसला सुनाते हुए अभियुक्त मनीष कोली को फांसी की सजा सुनाई। जिसमें आईपीसी की धारा 376 एवं पोक्सो एक्ट की 5/6 के तहत अंतिम सांस तक आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

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