एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा- यूपी में नाम देखकर मारी जाती है गोली

संक्षेप:

  • ओवैसी ने कहा कि मुसलमानों को लेकर उत्तर प्रदेश में धर्मनिरपेक्षता की कमी है। 
  • यहां की पुलिस नाम देखकर गोली मारती है।
  • यूपी में हमेशा भाजपा की सरकार नहीं रहेगी।

अलीगढ़- ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि मुसलमानों को लेकर उत्तर प्रदेश में धर्मनिरपेक्षता की कमी है। तभी तो यहां की पुलिस नाम देखकर गोली मारती है। आजम खां नाम न होता, तो वह जेल में न होते। पुलिस को समझ लेना चाहिए कि यूपी में हमेशा भाजपा की सरकार नहीं रहेगी। वे यहां रविवार को अलीगढ़-अनूपशहर रोड स्थित महेशपुर में शोषित वंचित समाज के सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।

गाजियाबाद की घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि मुसलमानों को निशाना बनाकर पुलिस उनको गोली मार रही है। पुलिस उनका उत्पीड़न कर रही है। ओवैसी ने धमकी भरे अंदाज में कहा, पुलिस वालों सुधर जाओ, क्योंकि भाजपा हमेशा सत्ता में नहीं रहेगी। मणिपुर में भी पुलिस द्वारा 80 लोगों को एनकांउटर में मारा गया था, जिसका मामला कोर्ट में चल रहा है और इसका इंसाफ ऊपर वाला भी लेगा ओर कोर्ट भी लेगा। उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि वे कहते हैं कि दूरबीन से देखने से भी उनको अपराधी उत्तर प्रदेश में नहीं दिख रहे हैं। अमित शाह लखीमपुर घटना के आरोपी पिता को बगल में बैठाते है, कासगंज के अल्ताफ का जिक्र क्यों नहीं करते हैं। अल्ताफ का नाम कोई गुप्ता या अन्य हिंदू होता तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उसके घर पहुंच जाते और दोषी पुलिसकर्मी निलंबित होकर हत्या में जेल जा चुके होते, लेकिन अल्ताफ के मामले में ऐसा नहीं हो सका, क्योंकि वह मुसलमान है। उसकी हत्या का मुकदमा नामालूम पुलिसवालों पर लिखा गया है।

ओवैसी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में मुस्लिमों की साक्षरता बहुत कम है, हाईस्कूल तक केवल तीन फीसदी और स्नातक तक दो फीसदी विद्यार्थी पहुंच पाते हैं। उन्होंने कहा कि इतिहास गवाह है जिस कौम की सियासी जमीन नहीं होगी, उसका कोई भविष्य नहीं हो सकता। कहा, हम तेलंगाना से आते हैं और वहां हमारी पार्टी के सात विधायक हैं, जिन्होंने मुस्लिमों के हित के लिए काम किया है। सन 1980 से पहले कोई हिंदुत्व की बात नहीं होती थी। भाजपाई जब से सावरकर की किताब जनता के बीच में लाए, तब से हिंदुत्व की बात उठ रही है। फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत का बिना नाम लिए कहा, एक मोहतरमा ने 2014 में असली आजादी मिलने की बात कही। यह बात अगर कोई मुस्लिम कह देता तो उस पर कई गंभीर धाराएं लगाकर उसको पुलिस जेल में डाल देती या गोली मार दी जाती। उन्होंने सवाल किया कि यह देश 1947 में आजाद हुआ था या 2014 में, लेकिन वह क्वीन हैं, उनके विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। क्या यह देशद्रोह की श्रेणी में नहीं आता है। उन्होंने कहा कि 2014 के लोकसभा चुनाव में हम नहीं थे, तब समाजवादी पार्टी के पांच सांसद जीत कर आए थे, जो एक ही परिवार से थे। उन्होंने कहा कि हमारे ख्वाबों को चूर कर सियासी महलों की तामीर की है।

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उन्होंने राहुल गांधी पर हमला करते हुए कहा कि अमेठी से चुनाव लड़े थे, हार गए लेकिन वह दक्षिण में केरल से जीते, जहां 30 फीसदी मुस्लिम वोट था। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी का ऐसा ही हाल है, लेकिन सबके सब धर्मनिरपेक्षता के चौधरी बने हुए हैं। यह सभी पार्टी समझती हैं कि मुसलमान हमें छोड़ कर कहां जाएगा। इसलिए आप लोग अब एआईएमआईएम को अपना लो, आप अपने बारे में सोचो और अपने आप को अपना लो। उत्तर प्रदेश में जो मुसलमानों से नफरत की रात है, बहुत लंबी रहने वाली है। केवल एआईएमआईएम को बदनाम किया जाता है कि यह मतों का बंटवारा करते हैं। उत्तर प्रदेश में हम सबको अपनी सियासी कयादत बनानी है। अगर हम एकत्रित नहीं होंगे तो हम अपनी सियासत नहीं कर पाएंगे। भाजपा की सरकार में मुसलमानों के विरुद्ध सीएए लाकर कुठाराघात किया है। मैं उत्तर प्रदेश में इसलिए नहीं आया हूं कि मुझे अपने को कोई चमकाना है। मैं आप सबको एक करने आया हूं, जब एक हो जाएंगे तभी अपनी सियासत कर पाएंगे। हमारा मकसद क्या है? आज उत्तर प्रदेश में मुसलमान सबसे पिछड़ा क्यों है? कमजोर क्यों है? जुल्म क्यों हो रहे हैं? इसका एक ही जवाब मिलता है आपकी सियासी पार्टी नहीं है। आप अपनी पार्टी ऐसी बनाइए जैसे चौधरी चरण सिंह ने जाटों को एक कर अपनी पार्टी बना कर परचम लहराया था। तो हम क्यों नहीं हो सकते हैं? अब नहीं हो सकता तो कभी नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि आरएसएस की शपथ है कि वह हिंदू राष्ट्र बनाना चाहते हैं। एआईएमआईएम अगर उत्तर प्रदेश में आएगी तो विभिन्न पार्टियों में खलबली मच गई है, क्योंकि उनके गुणा गणित बिगड़ जाएंगे।

ओवैसा ने उपस्थित लोगों से कहा कि मैं आपको अपने वोट की कीमत और अहमियत की बात कर रहा हूं। 1980 से पहले कोई हिंदुत्व की बात नहीं थी। 1980 के बाद सावरकर की किताब के आधार पर हिंदुत्व की बात आई। इन बातों को रखते हैं, हमारे से तल्खी शुरू हो जाती है। उन्होंने कहा कि नोटबंदी और लॉकडाउन ने अलीगढ़ के कारोबार को बर्बाद कर दिया। अमित शाह को मुसलमानों का नाम लिए बिना नींद नहीं आती है। आजम खां को याद करते हैं अमित शाह, तो कासगंज के अल्ताफ को क्यों याद नहीं कर रहे।

इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली, युवा पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रभारी फरहान जुबैरी, जिला अध्यक्ष गुफरान नूर, अदील अल्वी आदि प्रमुख पदाधिकारी और तमाम कार्यकर्ता मौजूद रहे। इस दौरान स्थानीय पदाधिकारियों ने ओवैसी का गर्मजोशी से स्वागत किया।

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