अलीगढ़ मर्डर केस: ढाई वर्ष की बच्ची की हत्या ने झकझोर दिया बड़ों का दिल, इंस्पेक्टर सहित पांच निलंबित

संक्षेप:

  • तालानगरी के टप्पल क्षेत्र में ढाई वर्ष की बच्ची की जघन्य हत्या का घटनाक्रम सुनकर हर किसी का दिल दहल जाता है
  • एक बालिका की क्रूरता से हत्या हुई. शव को कपड़े की पोटली में लपेटकर फेंका गया, जो गल गया
  • उसका हाथ अलग मिला. मामले में सोशल मीडिया पर गुस्सा दिख रहा है

तालानगरी के टप्पल क्षेत्र में ढाई वर्ष की बच्ची की जघन्य हत्या का घटनाक्रम सुनकर हर किसी का दिल दहल जाता है. एक बालिका की क्रूरता से हत्या हुई. शव को कपड़े की पोटली में लपेटकर फेंका गया, जो गल गया. उसका हाथ अलग मिला. मामले में सोशल मीडिया पर गुस्सा दिख रहा है. क्रिकेट और बॉलीवुड के जाने-माने सितारे भी लगातार ट्वीट से अपना दर्द और गुस्सा जता रहे है. कुछ सितारों ने दुष्कर्म को लेकर भी प्रतिक्रिया दी है, हालांकि पुलिस के बाद पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी दुष्कर्म की बात से इन्कार कर चुकी है.

टप्पल हत्याकांड को लेकर ट्विटर पर चार हैशटैग ट्रेंड हो रहे है. बड़ी संख्या में लोग ट्वीट कर रहे है. क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग ने ट्वीट किया है कि टप्पल में सबसे भयानक तरीके से ढाई साल की बच्ची की दुष्कर्म के बाद हत्या की खबर से बेहद परेशान हूं. वह न्याय की हकदार है.

अक्सर प्रमुख मामलों में अपनी प्रतिक्रिया देने वाली ट्विंकल खन्ना ने लिखा है कि बच्ची की भयानक हत्या के बारे में सुनकर दिल दहल जाता है. अपराधियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई के लिए केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी से अनुरोध किया है.

ये भी पढ़े : युवती ने अश्लील वीडियो चैट कर बनाया एमएमएस, सोशल मीडिया पर वायरल करने की दी धमकी, मांगे 20 हजार रुपये


बच्ची हत्याकांड में लापरवाही बरतने में एसएसपी ने टप्पल थाने के तत्कालीन इंस्पेक्टर समेत पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित किया है. इनमें तीन दारोगा व एक सिपाही भी शामिल है. सभी के खिलाफ जांच के भी आदेश दिए हैं. निलंबित किए गए पुलिसकर्मियों में इंस्पेक्टर कुशलपाल सिंह चाहल, दारोगा सत्यवीर सिंह, अरविंद कुमार, शमीम अहमद व सिपाही राहुल यादव शामिल हैं। बच्ची का शव मिलने के बाद कुशलपाल सिंह चाहल को लाइन हाजिर किया गया था.

If You Like This Story, Support NYOOOZ

NYOOOZ SUPPORTER

NYOOOZ FRIEND

Your support to NYOOOZ will help us to continue create and publish news for and from smaller cities, which also need equal voice as much as citizens living in bigger cities have through mainstream media organizations.

Related Articles