AMU के छात्र शरजील उस्मानी ने हिंदुओं को लेकर दिया ऐसा बयान, मचा हंगामा

संक्षेप:

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्र रहे शरजील उस्मानी के एल्गार परिषद में दिए भाषण ने एख बार फिर से विवाद खड़ा कर दिया है। शरजील उस्मानी को लेकर बीजेपी की महाराष्ट्र इकाई ने मंगलवार को उद्धव सरकार पर जोरदार हमला बोला है।

अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्र रहे शरजील उस्मानी के एल्गार परिषद में दिए भाषण ने एख बार फिर से विवाद खड़ा कर दिया है। शरजील उस्मानी को लेकर बीजेपी की महाराष्ट्र इकाई ने मंगलवार को उद्धव सरकार पर जोरदार हमला बोला है।

बीजेपी ने मांग की कि महाराष्ट्र सरकार को छात्र नेता शरजील उस्मानी के खिलाफ उसकी कथित `हिंदू विरोधी` टिप्पणी को लेकर मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए। विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखा है।

महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता फडणवीस ने यह भी कहा कि राज्य सरकार ने बीजेपी की मांगों के बावजूद उस्मानी के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं की। फडणवीस ने कहा कि एक वीडियो में, शरजील उस्मानी एल्गार परिषद में बोल रहा है। उस्मानी ने हिंदू समुदाय की भावनाओं का अपमान किया है। उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति महाराष्ट्र में आता है, हमारी भावनाओं का अपमान करता है, और बिना किसी कानूनी कार्रवाई का सामना किए अपने गृह राज्य लौट जाता है। अगर राज्य सरकार उसके खिलाफ कोई कार्रवाई करने में विफल रहती है, तो हम मान लेंगे कि सरकार उस्मानी के साथ है।

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शरजील ने पुणे में हाल ही में आयोजित एल्गार परिषद के सम्मेलन में कहा था कि हिन्दुस्तान में हिन्दू समाज सड़ चुका है। जुनैद को चलती ट्रेन में मारते हैं, कोई बचाने नहीं आता है। ये जो लोग लिंचिंग करते हैं, कत्ल करते हैं। अगले दिन फिर किसी को पकड़ते हैं, फिर कत्ल करते हैं और नॉर्मल लाइफ जीते हैं। इसके अलावा भी शरजील उस्मानी ने हिन्दू समाज के लिए आपत्तिजनक बातें कही थी।

शरजील उस्मानी यूपी के आजमगढ़ जिले के सिधारी इलाके का रहने वाला है। शरजील उस्मानी अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय का पूर्व छात्र रहा है। शरजील उन लोगों में से एक हैं जिन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कैंपस में सीएए-एनआरसी-एनपीआर के खिलाफ विरोध किया था। इसके बाद शरजील को पिछले साल दिसंबर में उसके घर से गिरफ्तार किया गया था। शरजील के पिता का नाम तारिक उस्मानी है।

इस संबंध में पूछे जाने पर महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि सम्मेलन में भाषणों की महाराष्ट्र पुलिस की ओर से जांच की जाएगी। देशमुख ने मीडियाकर्मियों से कहा कि अगर कुछ भी आपत्तिजनक पाया जाता है, तो हम उसके अनुसार कार्रवाई करेंगे। हालांकि, मैं इस पर और अधिक टिप्पणी नहीं कर सकता, क्योंकि पुलिस जांच चल रही है।

फड़णवीस के अलावा, राम कदम, अतुल भातलकर और केशव उपाध्याय जैसे अन्य नेताओं ने भी सवाल किया है कि उस्मानी के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई, जबकि सार्वजनिक मंच पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी को तीन दिन बीत चुके हैं। वरिष्ठ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता और खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल ने उस्मानी के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए पूछा कि अगर किसी हिंदू नेता ने मुस्लिम समुदाय के बारे में इसी तरह का बयान दिया होता तो क्या इसे बर्दाश्त किया जाता?

ठाकरे को लिखे अपने पत्र में फडणवीस ने कहा कि हिंदवी स्वराज्य के संस्थापक छत्रपति शिवाजी महाराज के महाराष्ट्र में कोई भी आए और यहां का माहौल खराब करके चला जाए, यह हमें मंजूर नहीं है। शरजील उस्मानी नामक दुर्भावना से युक्त युवा महाराष्ट्र में आकर हिंदू समाज को अपमानित करता है और उसके ऊपर अभी तक कोई कानूनी कार्रवाई राज्य सरकार की ओर से नहीं की जाती है, यह आश्चर्यजनक है।

महाराष्ट्र बीजेपी ने उस्मानी के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए महा विकास अघाड़ी सरकार को 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया है, जिसमें अगर सरकार कार्रवाई में विफल रहती है तो राज्यव्यापी आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी गई है। उस्मानी को इससे पहले उत्तर प्रदेश पुलिस ने 2019 में सीएए-एनआरसी आंदोलन के दौरान एएमयू परिसर के बाहर हुई झड़पों में कथित भूमिका के लिए गिरफ्तार किया था।

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