अलीगढ़: युवक ने रेप के आरोप में 2 साल काटी जेल, ऐसे झूठा साबित हुआ आरोप

संक्षेप:

पीड़ित किशोरी के साथ हुए दुष्कर्म के मामले में पुलिस की जांच रिपोर्ट को डीएनए की टेस्ट रिपोर्ट में झूठा साबित कर दिया है। डीएनए टेस्ट रिपोर्ट के मुताबिक बच्ची का असली पिता आरोपी युवक नहीं बल्कि कोई और है।

अलीगढ़। अलीगढ़ के थाना बरला क्षेत्र के एक गांव के रहने वाले एक ऐसे युवक ने किशोरी के साथ दुष्कर्म के मामले में दो साल की सजा जेल में दुष्कर्म के जुर्म में काटी जो दुष्कर्म उसने किशोरी के साथ कभी किया ही नहीं था।

पीड़ित किशोरी के साथ हुए दुष्कर्म के मामले में पुलिस की जांच रिपोर्ट को डीएनए की टेस्ट रिपोर्ट में झूठा साबित कर दिया है। डीएनए टेस्ट रिपोर्ट के मुताबिक बच्ची का असली पिता आरोपी युवक नहीं बल्कि कोई और है।

बरला इलाके के गांव की रहने वाली दुष्कर्म की पीड़ित युवती के पीड़ित पिता ने अपनी 13 वर्षिय बेटी के साथ हुए दुष्कर्म के बाद 23 फरवरी 2019 को गांव के ही रहने वाले 28 वर्षी पड़ोसी युवक के खिलाफ दुष्कर्म और मारपीट करने के साथ थाना बरला में धमकी देने की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया था। जिसमें पीड़िता के पिता ने युवक पर आरोप लगाया था कि युवक ने उसकी 13 वर्षिय बेटी के साथ दुष्कर्म किया है।

ये भी पढ़े : आजमगढ़: जिले में आचार संहिता के उल्लंघन पर चार के खिलाफ मुकदमा हुआ दर्ज, घर पर लगा रखा था पार्टी का झंडा


दुष्कर्म करने बाद युवक ने उसकी बेटी को धमकाया गया। जिसके चलते उसकी बेटी ने किसी को कुछ नही बताया। सात महीने की गर्भवती होने के बाद उसने घरवालों को जानकारी दी गई थी। जिसके बाद 23 फरवरी को युवक के खिलाफ दुष्कर्म करने का मुकदमा थाने में दर्ज हुआ और 26 फरवरी को पुलिस ने गिरफ्तार करने के बाद युवक को जेल भेज दिया।

जहां आरोपी युवक ने जेल जाने के दो महीने के बाद अप्रैल 2019 में दुष्कर्म की शिकार पीड़ित किशोरी ने एक बच्ची को जन्म दिया। जहां बच्ची के जन्म लेने के बाद आरोपी युवक के पिता ने अधिकारियों और कुछ राजनीतिज्ञों से अपने बेटे को निर्दोष बताकर उसको बचाने के लिए मदद की गुहार लगाई और अपने बेटे की जमानत कराने के लिए याचिका न्यायालय में डाली, लेकिन जमानत याचिका के दौरान बच्ची के जन्म की दलील न्यायालय के सामने आने पर उसकी डाली गई जमानत याचिका न्यायालय में खारिज हो गई थी।

आरोपी युवक के पिता ने अपने वकील हरिओम के माध्यम से हाई कोर्ट में जुलाई, 2020 में दलील रखी गई थी। हाई कोर्ट से डीएनए जांच की अनुमति मिली। उसके बाद न्यायालय के आदेश पर किशोरी द्वारा जन्म दिए गए बच्चे व युवक के डीएनए का सैंपल टेस्ट लॉकडाउन के दौरान साल 2020 में कराया गया था। जिस डीएनए सेंपल को राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला लखनऊ मिलान के लिए भेजा गया। जिसके बाद अब फरवरी महीने में दुष्कर्म के आरोपी युवक की रिपोर्ट निगेटिव आ गई है। जांच रिपोर्ट मेें आरोपी युवक को निर्दोष पाया गया। डीएनए रिपोर्ट के आधार पर युवक को जेल से रिहा कर दिया।

जेल से युवक के रिहा होने पर उसके अधिवक्ता हरिओम ने कहा पुलिस ने एक ऐसे संवेदनशील मामले में ठीक से बिना जांच करते हुए उस युवक को जेल भेज दिया गया। जबकि वो युवक उस दौरान पिछले एक साल से गांव ही नही आया था। जबकि युवक हरियाणा राज्य के फरीदाबाद में नौकरी करता था। अभी पॉक्सो में विशेष अदालत में मामला चल रहा है अभी चार्ज फ्रेम होना है। उसके बाद कोर्ट में आरोप डिस्चार्ज कराएगे। इसके बाद ही आगे की कार्रवाई होगी।

पीड़ित किशोरी के पिता ने कहा डीएनए की जांच रिपोर्ट में गड़बड़ी की गई है। आरोपी युवक उसकी बेटी को डराता था। जिसकी वजह से उसके साथ दुष्कर्म की जानकारी देर से पता लग पाई और बेटी तब तक सात माह की गर्भवती हो गई थी। आरोपी युवक के जेल से होने पर उसके परिवार के सभी लोग खुश हैं। युवक की मां ने कहा है कि उन्हें कोर्ट पर भरोसा था। उनके बेटे ने बिना जुर्म किए ही दो साल जेल में काटे हैैं।

If You Like This Story, Support NYOOOZ

NYOOOZ SUPPORTER

NYOOOZ FRIEND

Your support to NYOOOZ will help us to continue create and publish news for and from smaller cities, which also need equal voice as much as citizens living in bigger cities have through mainstream media organizations.