अब ऑनलाइन होगा अलीगढ़ विकास प्राधिकरण का काम, ठेकेदारों की फर्जी रिपोर्टिंग पर लगेगी रोक

संक्षेप:

अब ऑनलाइन होगा अलीगढ़ विकास प्राधिकरण का काम

ऑनलाइन देना होगा अपने कामों का पूरा हिसाब

ठेकेदारों की फर्जी रिपोर्टिंग पर लगेगा विराम

अलीगढ़ विकास प्राधिकरण यानी ADA में किसी तरह का फर्जीवाड़ा या घोटाला नहीं होगा... इस फर्जीवाड़े को रोकने के लिए नई पहल शुरु की गई है.. अलीगढ़ विकास प्राधिकरण में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए इलैक्ट्रॉनिक मैनेजमेंट बुक यानी EMB की शुरुआत की गई है....

 

ईएमबी में विकास प्राधिकरण के इसमें निर्माण कार्यों का पूरा लेखा-जोखा आनलाइन होगा।.. इससे कोई भी ठेकेदार और अभियंता फर्जी रिपोर्टिंग नहीं कर सकेंगे... पिछली तारीखों में भी कोई भी निर्माण कार्य स्वीकृत नहीं होगा... साथ ही टेंडर में तय शर्तों के खिलाफ भी काम होने पर पकड़ में आ जाएगा... एडीए में इसे लागू करने की तैयारी हो गई है.. बताया जा रहा है कि आने वाले 15 दिनों में इसकी शुरुआत हो जाएगी।

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सुनियोजित ढंग से विकास कार्यों के कराने के साथ ही शहर में निर्माण कार्य कराना भी एडीए की जिम्मेदारी है... इनमें सड़क, नाला, खड़ंजा, डिवाइडर समेत अन्य निर्माण कार्य होते हैं। ठेकेदारों के माध्यम से यह काम कराए जाते हैं। अब तक सभी निर्माण कार्यों की टेंडर से पहले ही मैजरमेंट बुक तैयार कराई जाती है। इसमें कार्य का पूरा लेखा-जोखा होता है। खर्च के साथ ही गुणवत्ता की भी पूरा ब्यौरा होता है, लेकिन इस मैजरमेंट बुक में ठेकेदार मनमानी से फर्जी रिपोर्टिंग करते थे। मिलीभगत के चलते अभियंताओं की भी इसमें सह होती थी। निर्माण कार्यो में गुणवत्ता पर भी कोई ध्यान नहीं दिया जाता है।

 

अब सभी निर्माण कार्यों की इलेक्ट्रानिंग मैजरमेंट बुक तैयार कराई जाएगी... टेंडर से पहले ही यह तैयार हो जाएगी। इसके बाद ठेकेदार को इसी के हिसाब से अपने टेंडर में भी गुणवत्ता का रिकार्ड भी भरना होगा। अगर निर्माण कार्य के दौरान गुणवत्ता इस टेंडर से भिन्न होगी तो साफ्टवेयर खुद पकड़ लेगा। इसके साथ ही फर्जी रिपोर्टिंग नहीं होगी। पैसे भी बढ़ घट नहीं सकेंगे। समय से सभी निर्माण कार्य पूरे होंगे। अभियंताओं का हर दिन इसी सॉफ्टवेयर पर अपनी रिपोर्ट देनी होगी...

 

भुगतान भी इसी साफ्टवेयर से होगा... इसमें सबसे पहले ठेकेदार को काम पूरा होने के बाद अपना ब्यौरा अपलोड करना होगा... इसके बाद अभियंता इस पर रिपोर्ट लगाएगा... वो पूरी स्कूटनी करेगा, यहां से फिर अधिशासी अभियंता पर पहुंचेगा... यहां पर भी क्रास स्कूटनी होगी... फिर सचिव व उपाध्यक्ष भुगतान पर अंतिम मुहर लगाएंगे.. फर्जीवाड़ा रोकने के लिए शासन से अब सभी प्राधिकरणों में ईएमबी की शुरुआत की गई है। सबसे पहले पायलट प्रोजेक्ट में इसे लखनऊ विकास प्राधिकरण में चलाया गया था। वहां की सफलता के बाद अब पूरे प्रदेश के लिए शुरू हुआ है...

 

इस सॉफ्टवेयर की सहायता से उन लोगों के मंशाओं पर विराम लग जाएगा जो सिर्फ पैसों के लिए काम करते थे और नकली पेपर्स तैयार कर सरकार को गुमराह करते थे.. ऑनलाइन हिसाब होने से सरकार को भी पूरी जानकारी मिल पाएगी कि प्रदेश में किस स्तर का और कैसा काम हो रहा है..

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