सपा कार्यक्रताओं ने फूंका सीएम योगी का पुतला, प्रदर्शन के बाद दी गिरफ्तारी

संक्षेप:

  • लखीमपुर खीरी में किसानों की दर्दनाक मौत का विरोध।
  • जिला कार्यालय के बाहर बेमियादी धरना प्रदर्शन शुरू।
  • सीएम योगी का पुतला फूंक कर मोदी-योगी मुर्दाबाद के नारे लगाए।

अलीगढ़- लखीमपुर खीरी में चार किसानों की दर्दनाक मौत के बाद पीड़ित परिजनों से मिलने जा रहे सपा अध्यक्ष एवं पूर्व सीएम अखिलेश यादव को लखनऊ में हिरासत में लेने के विरोध में सपाई सोमवार सुबह भड़क गए। सपाइयों ने क्वार्सी चौराहे के पास स्थित जिला कार्यालय के बाहर बेमियादी धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। सपाइयों ने सीएम योगी आदित्यनाथ का पुतला फूंक कर मोदी-योगी मुर्दाबाद के नारे लगाए।

पुतला फूंकने में हुई धक्कामुक्की में युवजन सभा के जिलाध्यक्ष रंजीत चौधरी के हाथ में चोट लग गई। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया। इन सभी को शाम तक स्टेडियम में रखा गया। पुलिस के अनुसार, 140 सपाई हिरासत में लिए गए थे। सपा नेता मृत किसानों के परिजनों को दो-दो करोड़ रुपये मुआवजा और एक आश्रित को सरकारी नौकरी देने की मांग कर रहे थे। मांगों को लेकर ज्ञापन अपर नगर मजिस्ट्रेट द्वितीय को सौंपा गया।

पुलिस प्रशासन को लखमीपुर खीरी प्रकरण में प्रदर्शन की भनक पहले से ही थी। इसलिए सभी विपक्षी पार्टियों के कार्यालय पर पुलिस पहले से मौजूद थी। सपा कार्यालय के बाहर सीओ श्वेताभ पांडेय फोर्स के साथ मौजूद थे। सपाई सड़क पर प्रदर्शन करना चाहते थे। इसी बीच पूर्व सीएम अखिलेश यादव को हिरासत में लेने की खबर आ गई, जिससे सपाई आक्रोशित हो गए। सपाइयों ने पुलिस की बैरीकेडिंग को तोड़ दिया। एटा चुंगी बाईपास रोड जाम कर दिया, जिससे वाहनों की लाइन लग गई। पुलिस ने सड़क पर लाठियां फटकार कर सपाइयों को कार्यालय की ओर वापस करना चाहा लेकिन उनकी संख्या अधिक होने के कारण ऐसा नहीं हो पाया। इसके बाद सपाई पुलिस को धकियाते हुए आगे बढ़ गए।

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सपा कार्यालय से क्वार्सी चौराहे तक जाम लग गया। इस धक्कामुक्की में युवजन सभा के कार्यकर्ताओं ने सीएम योगी आदित्यनाथ का पुतला फूंक दिया। जिसमें कुछ सपाइयों के हाथ जलने से बचे, पुलिस ने पुतला छीन कर उसे दूर किया। छीनाझपटी में युवजन सभा के जिलाध्यक्ष रंजीत सिंह के हाथ में चोट लग गई। एसीएम प्रथम अंजुम बी ने सपाइयों को शांत कराने की कोशिश की। सपाई जेल जाने की जिद पर अड़ गए थे, लेकिन प्रशासन ने सभी को बसों से अहिल्याबाई स्टेडियम पहुंचाया। स्टेडियम में सपाइयों को शाम तक बैठाया गया। इंस्पेक्टर क्वार्सी विजय कु मार के अनुसार कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए 140 लोगों को हिरासत में लिया गया था, जिनको शाम पांच बजे छोड़ दिया गया।

प्रदर्शन में जिलाध्यक्ष गिरीश यादव, महानगर अध्यक्ष अब्दुल हमीद घोषी, पूर्व सांसद बिजेंद्र सिंह, पूर्व नगर विधायक जफर आलम, वरिष्ठ नेता संजय यादव, पूर्व जिला पंचायत सदस्य जस्सू शेरवानी, मो. सगीर, उमेश श्रीवास्तव, अहमद सईद सिद्दीकी, कृपाल सिंह यादव, गुड्डा यादव, सलमान शाहिद, मो. कासिफ आब्दी, पूर्व महानगर अध्यक्ष अयाज शेरवानी, मो. सालिम, मो. शाकिर, डा. गुलिस्ताना, शान मियां, पप्पू प्रधान, यूथ बिग्रेड जिलाध्यक्ष संजय शर्मा, युवजन सभा प्रदेश उपाध्यक्ष आशीष मोहन यादव, जिला महासचिव रवि सैनी, मोहसिन बालोत, आमिर आबिद सहित सैकड़ों सपाई मौजूद रहे।

लखनऊ में गिरफ्तार हुए अलीगढ़ के सपाई
पूर्व विधायक ठा. राकेश सिंह, महानगर महासचिव मनोज यादव, जिला महामंत्री मुकेश माहेश्वरी, जिला उपाध्यक्ष रत्नाकर पांडेय ने पूर्व सीएम अखिलेश यादव के साथ ही लखनऊ में गिरफ्तारी दी। इन सभी को पूर्व सीएम के आवास से पुलिस ईको गार्डन ले गई थी। पूर्व विधायक ने वहां पर कहा कि लोकतंत्र में किसी आवाज को दबाया नहीं जा सकता है। बीते दस महीनों से शांतिपूर्वक प्रदर्शन करने पर भी पुलिस अत्याचार कर रही है। ये बर्दाश्त नहीं होगा।

तानाशाही नहीं चलेगी ऱ् पूर्व सांसद
पूर्व सांसद चौ. बिजेंद्र सिंह ने कहा है कि केंद्र और राज्य सरकार की तानाशाही नहीं चलेगी। उन्होंने पूर्व सीएम अखिलेश यादव को हिरासत में लेने की कड़े शब्दों में निंदा की। उनकी रिहाई की मांग उठाई। पूर्व सांसद धरना प्रदर्शन के बीच से ही होटल मेलरोज इन पहुंच गए थे और वहां पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सभी को मिलकर रालोद के मुखिया जयंत चौधरी के सम्मेलन को सफल बनाना होगा। विपक्ष एकजुट होकर तानाशाही का विरोध करे नहीं तो लोकतंत्र पर खतरा हो जाएगा। उन्होंने योगी सरकार की तुलना अंग्रेजी हुकूमत से की। इस दौरान उनके साथ फुरकान मिर्जा, मनोज जाटव सहित अन्य सपाई मौजूद रहे।

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