विविधता में एकता देश की ताकत है, इसकी रक्षा के लिए वैश्य समाज आगे आए -  बंसल 

संक्षेप:

  • अखिल भारतीय वैश्य महासंगठन  के राष्ट्रीय अधिवेशन में विवेक बंसल ने  सभा को संबोधित करा
  • जिसमें बंसल ने कहा कि विविधता में एकता देश की ताकत है। आज इसे चुनौती मिल रही है। इसकी रक्षा के लिए वैश्य समाज आगे आए।
  • अधिवेशन में सर्वसम्मति से अंकुर मित्तल को पुन: संगठन का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया। 

 

 

अलीगढ़!  कांग्रेस पार्टी के हरियाणा के प्रभारी विवेक बंसल ने अखिल भारतीय वैश्य महासंगठन के राष्ट्रीय अधिवेशन एवं सम्मान समारोह को संबोधित किया  जिसमें उन्होंने कहा कि विविधता में एकता देश की ताकत है। आज इसे चुनौती मिल रही है। इसकी रक्षा के लिए वैश्य समाज आगे आए। यह कार्यक्रम रविवार को मथुरा रोड स्थित शिवदान सिंह  इंजीनियरिंग कॉलेज के सामने आयोजित किया गया था।  

इसके अतिरिक्त इतिहास का हवाला देते हुए उन्होंने  कहा कि हर दौड़ में वैश्य समाज ने देश को समृद्धता दी। सामाजिक सशक्तीकरण एवं समाज को एक सूत्र में पिरोने का काम किया, जो आज भी जारी है। राष्ट्र निर्माण में वैश्य समाज का महत्वपूर्ण योगदान है। परंतु आज चुनौतियां ज्यादा हैं। योग गुरू डॉ. अनिल जैन ने कहा कि देश में वैश्य समाज को और अधिक मजबूत करने के लिए जन जागरण अभियान चलाएंगे। अधिवेशन में सर्वसम्मति से अंकुर मित्तल को पुन: संगठन का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया। 

पराग डेयरी के चेयरमैन राजीव अग्रवाल ने कहा कि हमें अधिक से अधिक वैश्य समाज के लोगों को रोजगार देकर मजबूत बनाना होगा। किसी भी शोषण के खिलाफ मजबूत होकर आवाज बुलंद कर वैश्य समाज के मान सम्मान की रक्षा करनी होगी। कार्यक्रम को भाजपा नेता डॉ. राजीव अग्रवाल, स्वतंत्र कुमार गुप्त, जगमोहन गुप्ता, ओजोन सिटी के चेयरमैन प्रवीण मंगला, प्रमोद अग्रवाल, हीरालाल मित्तल, हरिकिशन अग्रवाल, रविंद्र इलायची, अनिल सेंचुरी आदि ने संबोधित किया। अधिवेशन में बिहार, गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा आदि राज्यों के अतिरिक्त उत्तर प्रदेश के अलीगढ़, हाथरस, कासगंज, बुलंदशहर, आगरा, मथुरा, गौतमबुद्धनगर, शाहजहांपुर, बरेली आदि जनपदों के प्रतिनिधि शामिल हुए।

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वैश्य समाज की एकता पर जोर दिया गया

अधिवेशन में नेताओं ने वैश्य समाज की एकता पर जोर दिया। वक्ताओं ने कहा कि देश में वैश्य समाज की करीब 350 उप जातियां हैं। उत्तर प्रदेश में ही करीब 75 उपजाति हैं। इन सभी उपजातियों को एक मंच पर लाने की जरूरत है। आपस में शादी-ब्याह होना चाहिए। साझा कारोबार होना चाहिए। देश की अर्थव्यवस्था में हमारे समाज की अहम भूमिका है। हर क्षेत्र में समाज के लोगों का उल्लेखनीय योगदान है।

ये प्रमुख लोग रहे मौजूद

मनीष अग्रवाल वूल, अनिल सेंचुरी, पवन मोरनी, उपेंद्र सिंघल, अन्नू बीड़ी, संगीता वार्ष्णेय, विशाल बीडीके, रविरंजन, ललतेश गुप्ता, योगेश वार्ष्णेय, कृष्णा गुप्ता, राजकुमार गर्ग, अरिवंद गोयल, पलास अग्रवाल, अंकित अग्रवाल, सचिन अग्रवाल, उमेश अग्रवाल, कुशल वार्ष्णेय, संजय गोयल, शैलेंद्र गुप्ता, उपासना वैश्य, माया गुप्ता, आशीष गोयल आदि।

 

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