प्रतापगढ़ में जहरीला दूध पीकर 72 बच्चे बीमार, प्रिंसिपल और 1 अध्यापक सस्पेंड

संक्षेप:

  • फतनपुर प्राइमरी स्कूल में दूषित दूध पीने से बच्चों की हालत बिगड़ गई
  • दूध पीने से 75 बच्चों की तबीयत बिगड़ी
  • 38 बच्चे जिला अस्पताल की इमरजेंसी में भर्ती कराया गया

रानीगंज प्रतापगढ़ गौरा ब्लाक के फतनपुर प्राइमरी स्कूल में बुधवार को दूषित दूध पीने से बच्चों की हालत बिगड़ गई। उन्हें अचानक उल्टियां होने लगीं। इन बच्चों को अस्पताल भिजवाने व अभिभावकों को सूचित करने की बजाय अध्यापकों ने छुट्टी कर दी। जिसके बाद फौरन उपचार न मिलने पर 75 बच्चों और भोजनमाता (रसोइया) की हालत खराब हो गई। रात तक इनमें से 38 बच्चे जिला अस्पताल की इमरजेंसी में भर्ती कराया गया। दो की हालत गंभीर होने के कारण इलाहाबाद के लिए रेफर कर दिया गया।  वहीं लापरवाही सामने आने पर प्रधानाध्यापक और एक सहायक अध्यापक को सस्पेंड कर दिया। साथ ही दो शिक्षकों का वेतन रोका गया है। पुलिस दो रसोइयों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।

आपको बता दें, गौरा विकासखंड के फतनपुर प्राइमरी स्कूल में कुल 123 छात्र-छात्राएं पंजीकृत हैं। बुधवार को स्कूल लगभग 86 बच्चे पढने आए थे। दोपहर में स्कूल में तैनात तीन रसोइयों ने पहले बच्चों को खिचड़ी खिलाई। कुछ देर बाद सभी बच्चों को दूध पीने के लिए दिया। करीब एक घंटे बाद एक-एक कर बच्चों की हालत बिगड़ने लगी। उन्हें उल्टियां शुरू हो गईं। बच्चों का आरोप है कि स्कूल के भीतर उल्टी करने पर शिक्षक उन्हें डांटने लगे। लापरवाही बरतते हुए शिक्षक व रसोइयों ने बच्चों को बाहर कर स्कूल में ताला बंद कर दिया।

इस घटना की सूचना से शासन तक हड़कंप मच गया। इलाहाबाद रेंज के आइजी रमित शर्मा और प्रतापगढ़ के डीएम शंभु कुमार समेत पूरा पुलिस प्रशासनिक अमला अस्पताल पहुंच गया। डीएम ने तत्काल दूध व अन्य मिड डे मील की सैंपलिंग के लिए टीम स्कूल भेजी और बीएसए को बुलाकर फौरी कार्रवाई की हिदायत दी। इसके बाद प्रधानाध्यापक समेत दो शिक्षकों को निलंबित कर दो का वेतन रोक दिया गया। साथ ही दो बीईओ की जांच कमेटी भी बनाई गई। मामले में अभिभावकों की ओर से तो स्कूल स्टाफ पर मुकदमा दर्ज ही कराया जा रहा है, शिक्षा विभाग की ओर से भी मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। जिलाधिकारी ने यह जानकारी दी।

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मामले की जानकारी मिलते ही एडीएम सोमदत्त मौर्य, एएसपी पश्चिमी बसंताल, एसडीएम रानीगंज, सीओ रानीगंज के साथ ही सीएमओ आसपास के डाक्टरों को लेकर अस्पताल पहुंचे। पटहटिया कला के रहने वाले राजेश गौतम के बेटे अनुज गौतम (4) और बेटी बेबी गौतम की हालत गंभीर देख जिला अस्पताल भेजा गया। इसके अलावा 40 अन्य पीड़ित बच्चों को भी जिला अस्पताल एंबुलेंस व दूसरे वाहनों से भेजा गया। यहां जिलाधिकारी शंभु कुमार, सीडीओ राजकमल व सीआरओ अस्पताल पहुंचे। पीड़ित बच्चों का उपचार चल रहा है। हालत गंभीर होने के कारण अनुज और बेबी को डाक्टरों ने जिला अस्पताल से इलाहाबाद रेफर कर दिया।

बाल रोग विशेषज्ञ डा. अनिल गुप्ता की मानें तो दूध में अधिक वैक्टीरिया के कारण बच्चों की सेहत बिगड़ी। संक्रमित दूध बच्चों को पिलाया गया है। जिसका असर बच्चों में देखने को मिल रहा है। खबर भेजे जाने तक जिला अस्पताल में लगभग 55 बच्चों को भर्ती कराया गया। गौरा सीएचसी में 15 बच्चों का उपचार चल रहा है। लगभग दो दर्जन बच्चे बेहोश होने की बात सामने आ रही है।

 अधीक्षक को लगी फटकार
गौरा अस्पताल के प्रभारी चिकित्साधिकारी को उस समय एसडीएम की फटकार सुननी पड़ी। जब उनसे बीमार बच्चों की संख्या पूछा गया। वह बता पाने में असमर्थ दिखे। जिस पर एसडीएम ने फटकार लगाई।

आईजी भी पहुंचे जिला अस्पताल
मिड्डे मील का दूध पीने से 72 बच्चों की तबियत खराब होने की खबर पर आईजी रमित शर्मा जिला अस्पताल पहुंचे। उन्होंने पीड़ित बच्चों से वार्ड में जाकर मुलाकात की। जो बच्चे ठीक थे, उनसे बातचीत के साथ ही परिवार के लोगों से भी जानकारी ली। इस दौरान पुलिस विभाग के अधिकारी भी मौजूद रहे। जिलाधिकारी से मामले की जानकारी ली। करीब आधे घंटे तक अस्पताल में रहने के बाद वह इलाहाबाद के लिए रवाना हो गए।

दूध में था अधिक वैक्टीरिया 

दूध पीने के बाद स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों की तबियत परिसर में ही बिगड़ने लगी थी। बवाल टालने के लिए शिक्षक ने बच्चों की छुट्टी कर दी। छोटे बच्चे पहले बीमार पड़ने लगे। बड़े बच्चे घर पहुंचकर बेहोश हुए। दूध में अधिक वैक्टीरिया होने के कारण बच्चों की तबियत खराब हुई थी। फतनपुर प्राइमरी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे बुधवार की सुबह स्कूल पहुंचे। दोपहर में बच्चों ने स्कूल परिसर में खिचड़ी खाया। कुछ देर बाद बच्चों को दूध दिया गया। करीब एक घंटे बाद छोटे बच्चों पर जहरीले दूध का असर दिखने लगा। उनके उल्टी दस्त होने लगी। जिसके कारण शिक्षिका व शिक्षक घबराने के साथ ही चालाकी भी दिखाई। बच्चों को बाहर निकालने के बाद बाजार से दूध खरीद लाया और उसे बर्तन में रख दिया। ताकि बड़ी घटना पर भी उन्हें क्लीनचिट मिल सके।

 

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