देश के नाम खुद को कुर्बान करने वाले आजाद की कहानी

संक्षेप:

  • चन्द्रशेखर आजाद की पुण्यतिथि
  • अंग्रेजो से लड़ते हुए खुद को मारी थी गोली
  • देश कर रहा है इस वीर सपूत को नमन

प्रयागराज- असहयोग आंदोलन के वक्त अंग्रेजो ने महज 15 वर्ष के बच्चे को गिरफ्तार किया। जब उस बच्चे को मजिस्ट्रेट के सामने पेश कर उससे उसका नाम औऱ पता पूछा गया तो उस बच्चे ने बड़ी बेबाकी से अपना नाम आजाद पिता का नाम स्वतंत्रता और अपना पता जेल बताया। इतने बेबाक अंदाज में जवाब देने वाला यह बच्चा और कोई नही खुद चन्द्रशेखर आजाद थे। यह वही चन्द्रशेखर आजाद दे जिसे उनकी मां सस्कृत में प्रकांड करवाना चाहती थी। पर आजाद को तो उस समय देश को आजाद करने कि सूझ गयी। तभी जाकर लोगों ने इस वीर महापुरुष का नाम चन्द्रशेखर आजाद रख दिया।

आजाद देश के इसी वीर सपूत की 90वीं पुण्यतिथि है। आज से ठीक 90 साल पहले 27 फरवरी 1931 को इलाहाबाद के अल्फ्रेड पार्क में चन्द्रशेखर आजाद ने ब्रिटीश पुलिस के साथ मुठभेड़ करते हुए और खुद को गिरफ्तारी से बचाने के लिए खुद को गोली मार ली थी।

चन्द्रशेखर आजाद शुरूआत से महात्मा गांधी से काफी प्रेरित थे पर फरवरी 1922 के चौरी-चौरा में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प के बाद। प्रदर्शनकारियों द्वारा 22 पुलिसवालों को थाना सहित जिंदा जलाने वाली घटना के बाद गांधी जी द्वारा आंदोलन की समाप्त करने की घोषणा से काफी नाराज हो उठे। गांधी जी के इस फैसले से राम प्रसाद बिस्मिलने भी खुलकर विरोध किया और कांग्रेस से अलग होकर खुद कि हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन नाम से एक क्रांतिकारी संगठन का निर्माण किया। बाद में चन्द्रशेखर और रामप्रसाद बिस्मिल काफी करीबी  हो गये क्योंकि दोनों कि सोच काफी आक्रमक थी।

ये भी पढ़े : सारे विश्व में शुद्धता के संस्कार, सकारात्मक सोच और धर्म के रास्ते पर चलने की आवश्यकता: भैय्याजी जोशी


चन्द्रशेखर आजाद कि एक खास बात यह थई की वह बंदूक की एक गोली हमेशा अलग रखते थे। उनका मानना था कि दुश्मन की गोली से मरने से अच्छा है खुद की गोली से अपनी जान देश के नाम कुर्बान कर दी जाये। इसलिए अल्फ्रेड पार्क में पुलिस से हुई मुठभेड़ से जब आजाद पुरी तरह से घिर चुके थे तो उन्होंने खुद की रखी बंदूक की गोली से आत्महत्या कर ली और अपने जान देश के लिए न्योछावर कर गए।  

 

If You Like This Story, Support NYOOOZ

NYOOOZ SUPPORTER

NYOOOZ FRIEND

Your support to NYOOOZ will help us to continue create and publish news for and from smaller cities, which also need equal voice as much as citizens living in bigger cities have through mainstream media organizations.

Read more Allahabad की अन्य ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें और अन्य राज्यों या अपने शहरों की सभी ख़बरें हिन्दी में पढ़ने के लिए NYOOOZ Hindi को सब्सक्राइब करें।

Related Articles