प्रयागराज में प्रशासन ने किया खून तस्कर गिरोह का भंडाफोड़, 12 आरोपियों को पुलिस ने किया गिरफ्तार

संक्षेप:

  • प्रयागराज में प्रशासन ने किया खून तस्कर गिरोह का भंडाफोड़।
  • 12 आरोपियों को पुलिस ने किया गिरफ्तार।
  • मरीजों को 10 हजार रुपये में बेचते थे खुन।

प्रयागराज. अवैध तरीके से खून निकालकर तस्करी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए 12 लोग बुधवार को गिरफ्तार कर लिए गए। जार्जटाउन पुलिस ने उनके कब्जे से 128 यूनिट खून, बेली अस्पताल के ब्लड बैंक की आठ जाली रसीद समेत अन्य सामान बरामद किया है। सभी को जेल भेज दिया गया है। पुलिस ने सबसे पहले सरगना शान मोहम्मद उर्फ शानू को उसके अल्लापुर स्थित किराये के आवास से गिरफ्तार किया। इसके बाद उसकी निशानदेही पर एक-एक कर 11 अन्य साथियों को पकड़ा। आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि वह खून की तस्करी करते हैं।

10 हजार रुपये में बेचते थे खुन

सरगना ने पूछताछ में बताया कि वह गरीब, नशेड़ी व अन्य जरूरतमंदों को एक हजार-1500 रुपये का लालच देकर खून निकलवाते हैं। इसके बाद बेली अस्पताल के ब्लड बैंक की फर्जी स्लिप चस्पा कर इसे तीमारदारों-मरीजों को सात से 10 हजार रुपये में बेच देते थे। उनके कब्जे से जेस्ट कार बरामद हुई है। इसी कार में खून निकलवाया जाता था।

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गिरोह के सदस्य के प्रिटिंग प्रेस में छपते थे स्लिप

सरगना ने बताया कि बेली अस्पताल, ब्लड बैंक की फर्जी स्लिप लगी होने के चलते ब्लड बैग पर तीमारदार व डॉक्टर शक नहीं करते थे। यह स्लिप वह गिरोह के सदस्य अनिल कुमार मिश्रा के बाई का बाग स्थित प्रिंटिंग प्रेस में छपवाते थे। 11 में से कुछ सदस्य डोनर का इंतजाम करते थे और बाकी उन तीमारदारों को ढूंढ़ते थे, जिन्हें खून की जरूरत होती थी।

आगरा से मंगवाए जाते थे ब्लड बैग

पुलिस अफसरों ने बताया कि खून की तस्करी के खेल के लिए ब्लड बैग आगरा से मंगवाए जाते थे। दरअसल गिरोह का एक सदस्य दिनकर पहले झूंसी में मेडिकल उपकरणों की दुकान चलाता था। उसकी दुकान में ही शानू काम करता था। बाद में शानू खून की तस्करी करने लगा तो दिनकर भी इसमें शामिल हो गया। वह सरगना को 1500 में मिलने वाले ब्लड बैग को आगरा से मंगवाकर आठ हजार में उपलब्ध कराता था। पुलिस ने यह भी बताया कि नियमत: ब्लड बैंक को ही ब्लड बैग दिए जाने चाहिए। लेकिन दिनकर अपने पुराने संपर्क के जरिए इसकी व्यवस्था कर लेता था।

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