कौशाम्बी में महिला सिपाही से बलात्कार के बाद गर्भपात कराने का मामला आया सामने, एसपी से की शिकायत, हुई निलंबित

संक्षेप:

  • आरक्षी ने शादी का झांसा देकर जबरदस्ती की और गर्भपात करा दिया।
  • दोबारा गर्भपात कराने के प्रयास पर नहीं मानी महिला सिपाही।
  • शिकायत करने पर महिला सिपाही हुई निलंबित।

प्रयागराज. कौशाम्बी में महिला सिपाही से दुष्कर्म किया गया। वहीं तैनात आरक्षी ने शादी का झांसा देकर जबरदस्ती की और गर्भपात करा दिया। फिर शादी से मुकर गया। विरोध पर मारापीटा व जान से मारने की कोशिश की। चौंकाने वाली बात यह कि शिकायत पर पीड़िता को सस्पेंड कर दिया गया। पीड़िता 2021 में कौशाम्बी में नियुक्त हुई। इस दौरान वहां मेस प्रभार देख रहे आरक्षी से मुलाकात हुई। आरोप है कि करीबी बढ़ाकर वह उससे बातचीत करने लगा और फिर शादी का झांसा देकर कई बार संबंध भी बनाए। गर्भवती होने पर मंझनपुर स्थित अस्पताल में ले जाकर गर्भपात करवा दिया।

दोबारा गर्भपात कराने के प्रयास पर नहीं मानी महिला सिपाही

शादी की बात करने पर आरोपी उससे बड़े भाई की शादी तक इंतजार करने का आश्वासन देता रहा। सितंबर में वह दोबारा गर्भवती हुई तो आरोपी ने फिर गर्भपात कराने का प्रयास किया, लेकिन वह नहीं मानी। आठ सितंबर की रात एक बजे फोन से तबियत खराब होने का बहाना बनाकर उसे पुलिस लाइन स्थित अपने क्वार्टर पर बुलाया। वहां पहुंचने पर एक महिला सिपाही के साथ मिलकर उसे मारापीटा। शोर मचाने पर आसपास के लोग दौड़े तो दोनों भाग निकले। दहशत के चलते रात भर वह वहीं पड़ी रही।

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शिकायत करने पर महिला सिपाही हुई निलंबित

आरोप है कि सुबह एसपी से शिकायत की तो कार्रवाई की बजाय उसे ही डांटा गया और फोन भी छीनकर महिला थाने भेज दिया गया। दवा दिलाई गई लेकिन शिकायत के बावजूद मेडिकल नहीं कराया गया। इसके बाद माता-पिता को बुलवाकर उनके सामने भी जलील किया गया और महिला थाना एसएचओ से पिटवाया गया। बर्खास्तगी की धमकी देकर जबरन मां-बाप के साथ घर भेज दिया गया। 17 सितंबर को फोन से सूचना देकर बयान के लिए बुलाया गया और रात में दो बजे फोन कर बताया गया कि उसे प्रयागराज संबद्ध करते हुए रवानगी कर दी गई है। मजबूरन 18 को उसने प्रयागराज में आमद करा ली। यही नहीं उसे निलंबित भी कर दिया गया।

एडीजी ने दिए जांच के आदेश

22 सितंबर को पीड़िता ने एडीजी जोन प्रेमप्रकाश के समक्ष पेश होकर इंसाफ की गुहार लगाई। प्रकरण की जानकारी के बाद एडीजी जोन ने जांच के आदेश दे दिए। एसपी कौशाम्बी को निर्देशित किया कि महिला सिपाही के आरोपों की जांच राजपत्रित अधिकारी से कराई जाए। साथ ही जांच में सामने आए तथ्यों के आधार पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई कर सात दिनों में रिपोर्ट दें। इस मामले में कौशाम्बी एसपी हेमराज मीणा ने आरोपों को गलत बताया। उनका कहना है कि कोई तहरीर नहीं मिली है। यह भी कहा कि मामले की जांच एडिशनल एसपी को सौंपी गई है।

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