UP Board Result: इलाहाबाद के 7 स्कूल ऐसे जहां के एक भी छात्र नहीं हुए पास

संक्षेप:

  • यूपी बोर्ड रिजल्ट
  • इलाहाबाद के 7 स्कूल ऐसे जहां पास नहीं हुए एक भी छात्र
  • इस मामले में गाजीपुर जिला रहा सबसे अव्वल

इलाहाबाद: यूपी बोर्ड का रिजल्ट जारी हो चुका है और लगभग 4 दिन बीत भी चुके हैं। बोर्ड ऐसी स्कूलों की सूची भी जारी कर चुका है जिनका रिजल्ट जीरो रहा।

कितनी अजीब बात है कि जहां इलाहाबाद की हाईस्कूल की छात्रा अंजलि वर्मा यूपी बोर्ड में टाप करती है वहीं इलाहाबाद में 7 स्कूल ऐसे हैं इलाहाबाद में जहां एक भी छात्र पास नहीं हो सका ।

पूरे सूबे में 150 स्कूल हैं जहां एक भी बच्चा पास नहीं कर सका 98 ऐसे हैं जहां दसवीं में कोई नहीं पास हो सका और 52 ऐसे हैं जहां बारहवी में कोई पास नहीं हो सका । गाजीपुर के 17 स्कूल हैं जहां कोई नहीं पास हो सका और आगरा के 9 स्कूल हैं , तीसरे नंबर पर इलाहाबाद है जहां 7 स्कूलों के एक भी बच्चा बोर्ड परीक्षा पास नहीं हो सका।

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जानकारी के मुताबिक, प्रदेश के ऐसे 150 स्कूल हैं, जिनमें एक भी छात्र पास नहीं हुआ है। इसमें गाजीपुर जिला पहले नंबर रहा है, यहां के 17 स्कूल शामिल हैं। दूसरे नंबर पर आगरा और तीसरे पर इलाहाबाद जिला रहा। अब बोर्ड ऐसे स्कूलों पर कार्रवाई करने का मन बना रहा है। इन स्कूलों की मान्यता खत्म की जा सकती है और इन स्कूलों में पढ़ाने वाले सरकारी शिक्षकों पर भी कार्रवाई की जा सकती है। साथ ही खराब प्रदर्शन पर जवाब मांगा जाएगा।

यूपी का गाजीपुर जिला सबसे अव्वल रहा। यहां के 17 स्कूल में एक भी छात्र पास नहीं हो सका। आगरा में 9 और इलाहाबाद में 7 ऐसे स्कूल ऐसे हैं जहां रिजल्ट शून्य फीसदी आया। आजमगढ़ में 6, बहराइच, मिर्जापुर, मऊ और हरदोई के पांच-पांच स्कूल भी इसमें शामिल हैं।

जिले और उनके स्कूल की तादाद

गाजीपुर: 17, आगरा: 9, इलाहाबाद: 7, आजमगढ़: 6, बहराइच: 5, मिर्जापुर: 5, मऊ: 5, हरदोई: 5, गोंडा: 4, कानपुर: 4, सिद्धार्थनगर: 4, महाराजगंज: 4, बलरामपुर: 4, हापुड़: 4, बांदा: 4 , औरैया: 3, कौशांबी: 3, कन्नौज: 3, मथुरा: 3. लखीमपुर खीरी: 3, मैनपुरी: 3, अलीगढ़: 3, अम्बेडकरनगर: 3, हाथरस: 3, बस्ती: 3, गोरखपुर: 3, जौनपुर: 3, अमरोहा: 3, देवरिया: 3, लखनऊ: 3, कासगंज: 3, एटा: 3, फिरोजाबाद: 3, इटावा: 3, गाजियाबाद: 3, ललितपुर: 1, सोनभद्र: 1, कुशीनगर: 1.

इस बार हर परीक्षा केंद्र पर सीसीटीवी लगाया गया था। इनकी मॉनिटरिंग की गई थी। साथ ही परीक्षा केंद्र चुनने में भी बोर्ड ने सावधानी बरती। कई शहरों में खुद माध्यमिक शिक्षा विभाग के मंत्री और डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने छापेमारी की। परीक्षा केन्द्रों पर पुलिस पिकेट तैनात की गयी थी, जिससे नकल में कमी आई। नकल रोकने के लिए राज्य में 22 टीमें गठित की गई थीं।

यूपी बोर्ड के इतिहास में पहली बार हाईस्कूल और इंटरमीडिएट का रिजल्ट एक साथ अप्रैल में आया। हाईस्कूल में 75.16% बच्चे और इंटरमीडिएट में 72.43% बच्चे पास हुए। इस बार बोर्ड के नतीजों में 6.02% की कमी आई है। हाईस्कूल में प्रदेश भर से 30,28,767 बच्चे परीक्षा में बैठे थे। इनमें 16,89,877 लड़के और 13,38,890 लड़कियां थीं। 72.27% लड़कों और 78.81% लड़कियों को सफलता मिली है। इंटरमीडिएट की परीक्षा में कुल 26,04,093 बच्चे एग्जाम में बैठे। इनमें 18,86,050 बच्चों ने एग्जाम पास किया। इंटरमीडिएट में 72.43% छात्र पास हुए। 26,04,093 बच्चों में 14,12,519 लड़के और 11,91,574 लड़कियां शामिल हैं। आपको बता दें कि हाईस्कूल में 75.16% बच्चे और इंटरमीडिएट में 72.43% बच्चे पास हुए। इस बार बोर्ड के नतीजों में 6.02% की कमी आई है।

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