अब इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में भी जीत की उम्मीद में है NSUI

संक्षेप:

  • दिल्ली की विजय से उत्साहित एनएसयूआई
  • छात्रों की समस्याओं पर रखेंगे फोकस -नेता जीतेश मिश्रा
  • 2003 के बाद से नहीं मिली है विजय

इलाहाबाद- दिल्ली विश्वविद्यालय के चुनावों में जीत हासिल करने के बाद अब एनएसयूआई इलाहाबाद विश्वविद्यालय के चुनावों में भी अपनी जीत के लिए प्रभावी कदम उठाने की दिशा में काम कर रही है। दिल्ली की विजय से उत्साहित एनएसयूआई ने अब इलाहाबाद के विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनावों में `डीयू हुई हमारी,अब एयू की बारी` के नारे के साथ उतरने का मन बनाया है।

इसके अलावा एनएसयूआई अब कांग्रेस के कुछ शीर्ष राजनेताओं को भी छात्रसंघ चुनावों में स्टार कैंपेनर के तौर पर उतारने का मन बना रही है, हालांकि कहा जा रहा है कि चुनाव की रणनीति के संबंध में फैसला संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष फिरोज खान द्वारा लिया जाएगा।

इस बारे में बात करते हुए एनएसयूआई के वरिष्ठ नेता जीतेश मिश्रा ने बताया कि साल 2003 के बाद से एनएसयूआई इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्रसंघ में विजयी नहीं हुई है। इस बार हम छात्रों का विश्वास जीतने के लिए पूरी मेहनत कर रहे हैं। मिश्रा ने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय की विजय से संगठन कार्यकर्ताओं में उत्साह है और कोशिश होगी कि हम दिल्ली की रणनीति को इलाहाबाद में भी लागू करा सकें। उन्होंने बताया कि दिल्ली में जिन स्टार प्रचारकों द्वारा दिल्ली में एनएसयूआई के लिए प्रचार किया गया था उन्हें इलाहाबाद में भी प्रत्याशियों के प्रचार के लिए बुलाया जाएगा। इसके साथ ही यूथ कांग्रेस के भी कुछ नेताओं को भी बुलाने की तैयारी की जा रही है।

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मिश्रा ने बताया कि दिल्ली की तरह इलाहाबाद विश्वविद्यालय में भी छात्रसंघ चुनावों में छात्रों की मूल समस्याओं पर फोकस किया जाएगा। साथ ही एनएसयूआई विश्वविद्यालय में लाइब्रेरी, कैंटीन और शैक्षिक गुणवत्ता के विकास के विषयों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। वहीं एनएसयूआई के जिला अध्यक्ष राजीव यादव ने कहा कि हम प्रत्येक छात्र के बीच जाकर उनकी समस्याओं पर बात करेंगे। उन्होंने कहा कि एनएसयूआई किसी भी प्रकार के पोस्टर या बैनर का इस्तेमाल करने से परहेज करेगी और हम पूरी सख्ती से लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों के अंतर्गत काम करेंगे।

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