इलाहाबाद के इस सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने बनाया धोबी एप्प, प्ले स्टोर से कर सकते हैं डाउनलोड

संक्षेप:

  • इलाहाबाद के शशांक ने बनाया धोबी एप्प
  • एमसीए करके कई अमेरिकी कंपनियों के साथ किया काम
  • युवाओं को दिए ये संदेश

 

इलाहाबाद: "कैसे आकाश में सूराख़ नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीअ`त से उछालो यारो।" दुष्यंत कुमार की यह पंक्ति इलाहाबाद के शशांक प्रताप पर बिल्कुल सही बैठती है, क्योंकि सॉफ्टवेयर इंजीनियर शशांक ने एक अलग तरह का काम किया है।

जहां चाह वहां राह। कहते है ना कि व्यक्ति अगर पूरे मन से कोई काम करे तो उसे सफलता जरूर मिलती है। शशांक ने 5-6 साल अमेरिकी कंपनियों के लिए काम करने के साथ ही अपने बिजनेस को शुरू करने का मन बना लिया था। इसी दौरान उन्होंने इलाहाबादी ग्राहकों के बारे में अच्छे से जानकारी इक्कठा की, और अपने से ही धोबी एप्प बना डाला।

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कैसे की शरुआत?

शशांक बताते हैं कि इन्होंने इसके लिए साल भर रिसर्च किया कि किस तरह और कैसे इस काम को किया जा सकता है। इनकी अपनी लैब भी है, जिसमें ये अपने केमिकल से कपड़ों की सफाई करते हैं। केमिकल के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि ये कुछ अलग है इसलिए इसे शेयर नहीं कर सकते। फिर अपना धोबी एप्प बनाया जिसे आप प्ले स्टोर से डाउनलोड भी कर सकते है।

शशांक कहते हैं कि शुरुआत में सिर्फ वेबसाइट और एप्प से ही ये कपड़े लेते थे, पर समय के साथ इन्होंने जाना कि एक स्टोर भी होना चाहिए। इसलिए इन्होंने लक्ष्मी टॉकीज कैंपस में अपना स्टोर भी डाला है, जल्द ही एक और स्टोर भी डालने जा रहे हैं।

क्या क्या काम होता है?

शशांक बताते है कि आप अपने कपड़ों से लेकर पर्दे, चादर, सोफ़ा कवर भी धुलने दे सकते है। साथ ही कपड़ों में कलर भी करवा सकते हैं। धोबी एप्प का अब रेलवे के साथ भी कॉन्टैक्ट हो गया है।

अभी कुछ ही समय पहले ही शहर के मोतीलाल नेहरू इंजीनियरिंग कॉलेज से एंटरप्रेन्योरशिप की गेस्ट लेक्चर के लिए इन्हें बुलाया गया था, जिसमें उन्होंने अपने अनुभव छात्रों के साथ साझा किया।

यंग एंटरप्रेन्योर का युवाओं को सन्देश

खुद भी युवा है, और अपने तरह के युवाओं के लिए कहा कि एंटरप्रेन्योरशिप में बाधाएं तो बहुत आएगी पर ये याद रखें कि हर अंधेरे के बाद रोशनी जरूर होती है। सेल्फ मोटिवेटेड बने और अपने काम में लगे रहे, कामयाबी जरूर मिलेगी।

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